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ग्लोबल बिकवाली के चलते Sensex-Nifty में भारी गिरावट, 4 लाख करोड़ का नुकसान

Sensex-Nifty :  शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो गया। अमेरिकी ग्रोथ चिंताओं और एशियाई बाजारों में गिरावट के कारण वॉल स्ट्रीट पर भारी बिकवाली के बाद भारतीय शेयर बाजार में Sensex और Nifty तेज गिरावट के साथ खुले। बैंकिंग, ऑटो, आईटी, और एनर्जी स्टॉक्स में विशेष रूप से कमजोरी देखने को मिली। आइए, इन कारणों पर विस्तार से नजर डालते हैं।

आज सुबह 9:48 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क सेंसेक्स 814 प्वाइंट्स की गिरावट के साथ 81,026 के लेवल पर कारोबार कर रहा था, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का बेंचमार्क निफ्टी 50 282 प्वाइंट्स की कमजोरी के साथ 24,728 पर ट्रेड कर रहा था। इस दौरान, BSE पर लिस्टेड सभी कंपनियों की वैल्यूएशन में 4.26 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है, जिससे मार्केट कैप 457.36 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

अमेरिकी बाजार की गिरावट का गहरा असर भारतीय शेयर बाजार पर

अमेरिकी बाजार में कमजोर मैन्युफैक्चरिंग डेटा के कारण US स्टॉक्स में गिरावट आई, जिसका असर भारतीय इक्विटी मार्केट पर भी पड़ा। गुरुवार को, डॉव जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 1.57% गिरकर 40,200 के लेवल पर आ गया, एसएंडपी 500 1.76% लुढ़ककर 5,424 के लेवल पर आ गया, और नैस्डैक कंपोजिट 2.76% कमजोर होकर 17,114 के लेवल पर पहुंच गया।

गिरावट के प्रमुख कारण:

  • अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग डेटा में कमजोरी: अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में आई मंदी के संकेतों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इससे वैश्विक स्तर पर आर्थिक वृद्धि की गति धीमी होने की आशंका बढ़ गई है।
  • अमेरिकी स्टॉक में गिरावट: अमेरिकी बाजार में प्रमुख इंडेक्स जैसे डॉव जोंस, एसएंडपी 500 और नैस्डैक में आई भारी गिरावट ने वैश्विक निवेशकों के मनोबल को प्रभावित किया है।
  • एशियाई बाजारों पर असर: अमेरिकी बाजार में आई गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर भी देखने को मिला है। एशियाई बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गई है।
  • भारतीय बाजार पर प्रभाव: अमेरिकी और एशियाई बाजारों में आई गिरावट के कारण भारतीय निवेशक भी बिकवाली पर उतर आए हैं, जिसके कारण भारतीय इक्विटी मार्केट में भी गिरावट देखने को मिल रही है।

निवेशकों के लिए क्या है संदेश?

  • धीरज रखें: बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और अल्पकालिक उतार-चढ़ावों से घबराना नहीं चाहिए।
  • विविधता लाएं: निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की कोशिश करनी चाहिए।
  • व्यावसायिक सलाह लें: यदि आप निवेश के बारे में अनिश्चित हैं, तो किसी व्यावसायिक सलाहकार से संपर्क करें।
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Kailash Jaiswal

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