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बलौदाबाजार/ कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश एवं जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा के सतत मॉनिटरिंग में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में बलौदाबाजार- भाटापारा जिले का पूरे राज्य में पहला स्थान है। जिले के 553 ग्राम पंचायतों में 57 हजार 997 हितग्राहियों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। जिसमें जनपद पंचायत कसडोल के 111 ग्राम पंचायतों में 10 हजार 875,भाटापारा के 77 ग्रामों में 9 हजार 347, पलारी के 81 ग्रामों में 8 हजार 845 बलौदाबाजार के 97 ग्रामों में 10 हजार 797,सिमगा के 89 ग्रामों में 8 हजार 810 एवं बिलाईगढ़ के 98 ग्रामों में 9 हजार 717 हितग्राही शामिल है।
सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा के के साहू ने जानकारी देते हुए कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ग्रामीणों के आजीविका का आधार स्तंभ है। योजना से ग्रामीणो को रोजगार की प्राप्ति के साथ ही साथ ग्रामो में स्थायी परिसंपत्ति का निर्माण भी किया जाता है। जिसमेे मुख्यतः पंजीकृत श्रमिको को रोजगार प्रदाय किया जाना,जल संरक्षण के कार्याे पर व्यय,कृषि एवं कृषि कार्य से संबंध संरचनाओ पर व्यय,समय पर मजदूरी भुगतान,समय पर कार्याे की स्वीकृति, प्रति परिवार औसत सृजित मानव दिवस,कार्य का पूर्णता का प्रतिशत, आंगनबाड़ी भवन निर्माण,निजी डबरी, सामुदायिक नवीन तालाब,कुंआ निर्माण आदि शामिल है। इसके साथ ही उन्होनें बताया कि विभाग द्वारा राज्य स्तर की जारी सूची के आधार पर बलौदाबाजार -भाटापारा जिला प्रथम स्थान पर जबकि गरियाबंद जिला को दूसरे एवं कांकेर को तीसरे स्थान रोजगार के मानव सृजन में मिला है।
कलेक्टर श्री बंसल ने इस उपलब्धि हेतु महात्मा गांधी नरेगा के समस्त अधिकारी,कर्मचारी,रोजगार सहायक एवं ग्राम पंचायतो के सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधि को बधाई एवं धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा का कार्य बिना जनप्रतिनिधियों के सहयोग बिना संभव नही हो पाता है। उनके जागरूकता से ही मनरेगा के कार्य गावों में सुचारू रूप से चल पाता है।उन्होंने आगें कहा की भविष्य में भी हमें इसी तरह कार्य करतें रहना है।
जिला पंचायत सीईओ गोपाल वर्मा ने भी बताया की सभी पंचायतों में जल संरक्षण के कार्य स्वीकृत किए जा रहे हैं वर्तमान में भूजल स्तर में काफी अधिकता से गिरावट हो रही है जिसके रोकथाम हेतु जल संरक्षण के कार्य ग्राम पंचायतों में खोले गए हैं। पंचायत में रोजगार की मांग अधिक होने पर वार्ड वार कार्य प्रारंभ ना कर,एक साथ दो से तीन कार्य प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम में जरूरतमंद प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही पूरे कार्य को सतत मॉनीटरिंग करनें के निर्देश दिए है।