छत्तीसगढ़ विधानसभा बेरोजगारी भत्ता पर सदन में जबरदस्त हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान बेरोजगारी भत्ता के मुद्दे पर जोरदार राजनीतिक घमासान देखने को मिला। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने बेरोजगार युवाओं का मुद्दा उठाते हुए सरकार से पूछा कि 1 अप्रैल 2024 की स्थिति में प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की कुल संख्या कितनी है।
मंत्री का जवाब
इस पर रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने सदन को जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2024 तक प्रदेश में 11 लाख 39 हजार 656 पंजीकृत बेरोजगार हैं। मंत्री ने “बेरोजगार” शब्द के बजाय उन्हें “रोजगार इच्छुक” बताते हुए कहा कि सरकार लगातार रोजगार मेला और प्लेसमेंट कैंप आयोजित कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में पंजीकृत रोजगार इच्छुकों की संख्या करीब 15 लाख के आसपास है।
मंत्री ने आश्वासन दिया कि
“बहुत जल्द राज्य स्तरीय रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें एक साथ 14 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।”
बेरोजगारी भत्ते पर तीखे सवाल
इसके बाद कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने सीधा सवाल किया कि
“क्या प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है?”
इस पर मंत्री ने कहा कि
“सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के बजाय उन्हें सक्षम और सामर्थ्यवान बना रही है।”
उमेश पटेल ने पलटवार करते हुए पूछा कि
“योजना का लाभ कब दिया जाएगा?”
भूपेश बघेल का सरकार पर हमला
इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आक्रामक हो गए। उन्होंने कहा—
“मुझे विधानसभा के जवाब में बताया गया है कि बेरोजगारी भत्ता योजना बंद नहीं हुई है, फिर युवाओं को इसका लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा? आखिर बेरोजगारी भत्ता कब मिलेगा?”
मंत्री ने एक बार फिर वही जवाब दोहराया कि सरकार युवाओं को रोजगार योग्य बनाने पर फोकस कर रही है।
सदन में बढ़ा हंगामा
मंत्री के बार-बार एक जैसे जवाब से विपक्ष भड़क उठा। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक और नारेबाजी शुरू हो गई।
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया—
“सरकार ने बजट में बेरोजगारी भत्ता योजना के लिए प्रावधान किया है, लेकिन पैसा नहीं दे रही। यह युवाओं के साथ धोखा है।”
विपक्ष का वॉकआउट
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। वॉकआउट के दौरान विपक्ष ने सरकार पर युवाओं की अनदेखी और चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया।



