पत्रकारों के विरोध के बाद सरकार ने झुकाया सिर, अस्पतालों में अब मिलेगी मीडिया को अनुमति

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगाए गए प्रतिबंध को राज्य सरकार ने वापस ले लिया है। चार दिन पूर्व चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए निर्देशों में अस्पताल परिसरों, खासकर वार्डों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। इस आदेश के सामने आने के बाद राजनीतिक दलों, पत्रकार संगठनों और नागरिक समाज की ओर से तीव्र विरोध दर्ज किया गया, जिसके बाद विभाग ने शनिवार को यह आदेश निरस्त कर दिया।
गोपनीयता का हवाला देते हुए लगाया गया था प्रतिबंध
विभाग की ओर से गोपनीयता और मरीजों की निजता की रक्षा का हवाला देते हुए मीडिया के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। साथ ही मीडिया से संवाद के लिए जनसंपर्क अधिकारी (PRO) को अधिकृत किया गया था। हालांकि, विशेषज्ञों और मीडिया संगठनों ने यह सवाल उठाया कि क्या एक PRO बिना चिकित्सा विशेषज्ञता के प्रभावी रूप से जानकारी साझा कर सकेगा।
प्रोटोकॉल तय करने के निर्देश भी शामिल
जारी आदेश में अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया था कि मीडिया कवरेज के लिए समय और प्रक्रिया तय की जाए, और आपात स्थिति में जानकारी साझा करने के लिए एक स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाया जाए। साथ ही, अस्पताल और मीडिया के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए एक सशक्त संवाद माध्यम विकसित करने पर भी बल दिया गया।
विरोध के बाद आदेश हुआ रद्द
पत्रकार संगठनों के कड़े विरोध, विपक्षी दलों की आलोचना और व्यापक जन प्रतिक्रिया को देखते हुए विभाग ने शनिवार को अपना आदेश वापस ले लिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसकी भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता।