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BBN24/19 अगस्त 2024 : भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विलियम्स वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर तकनीकी कठिनाइयों के कारण फंसे हुए हैं, और उनकी पृथ्वी पर वापसी की तारीख अनिश्चित बनी हुई है। नासा द्वारा योजनाबद्ध वापसी यात्रा में बोइंग के स्टारलाइनर का उपयोग किया जाना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं ने इस मिशन में देरी कर दी है। इस देरी ने सुनीता विलियम्स की स्वास्थ्य स्थिति को और जटिल बना दिया है, क्योंकि माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव से उनकी दृष्टि में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।
सुनीता विलियम्स स्पेसफ्लाइट से जुड़े न्यूरो-ओकुलर सिंड्रोम (SANS) से प्रभावित हो गई हैं, जो अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण होता है। यह सिंड्रोम शरीर में द्रव वितरण को बदल देता है, जिससे आंखों में दवाब बढ़ता है और दृष्टि में धुंधलापन आ जाता है। नासा के विशेषज्ञों ने सुनीता की आंखों की स्थिति की गंभीरता को समझने के लिए उनके कॉर्निया, रेटिना और लेंस का स्कैन किया है। यह समस्या अंतरिक्ष में उनकी लंबे समय तक रहने की वजह से और भी गंभीर हो सकती है, जिससे उनका वापस लौटना और भी जरूरी हो गया है।
वापसी के लिए नासा अब नए विकल्पों पर विचार कर रहा है, जिसमें स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन का उपयोग भी शामिल है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। नासा की टीम सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी को सुरक्षित और शीघ्र वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि उनकी सेहत और मिशन दोनों को सुरक्षित रखा जा सके। इस समय की अनिश्चितता और स्वास्थ्य समस्याओं ने इस मिशन को नासा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बना दिया है।