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आरंग – बाबा गुरु घासीदास का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआछूत, ऊंचनीच, झूठ-कपट का बोलबाला था, बाबा ने ऐसे समय में समाज में समाज को एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया। घासीदास की सत्य के प्रति अटूट आस्था की वजह से ही इन्होंने बचपन में कई चमत्कार दिखाए, जिसका लोगों पर काफी प्रभाव पड़ा। यह बातें नवागांंव खपरी में बाबा गुरु घासीदास जी की भव्य शोभा यात्रा और जयंती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के के रूप में पहुंचे नशाा मुक्ति अभियान केे प्रदेश प्रभारी वेदराम मनहरे ने कही। उन्होंनेे कहा कि गुरू घासीदास बाबा पशुओं से भी प्रेम करने की सीख देते थे। वे उन पर क्रूरता पूर्वक व्यवहार करने के खिलाफ थे।
सतनाम पंथ के अनुसार खेती के लिए गायों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। गुरू घासीदास के संदेशों का समाज के पिछड़े समुदाय में गहरा असर पड़ा। सन् 1901 की जनगणना के अनुसार उस वक्त लगभग 4 लाख लोग सतनाम पंथ से जुड़ चुके थे और गुरू घासीदास के अनुयायी थे। छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह पर भी गुरू घासीदास के सिध्दांतों का गहरा प्रभाव था। सात्विकता से भरा था बाबा का जीवन..मुख्य अतिथि वेदराम मनहरे ने यह भी कहा कि गुरू घासीदास के संदेशों और उनकी जीवनी का प्रसार पंथी गीत व नृत्यों के जरिए भी व्यापक रूप से हुआ। यह छत्तीसगढ़ की प्रख्यात लोक विधा भी मानी जाती है। गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा के कार्य में किया। गुरु घासीदास बाबा से सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत ….मनहरे ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास की जयंती से हमें पूजा करने की प्रेरणा मिलती है और पूजा से सद्विचार तथा एकाग्रता बढ़ती है। इससे समाज में सद्कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। वे सत्य की तलाश के लिए गिरौदपुरी के जंगल में छाता पहाड़ पर समाधि लगाए इस बीच गुरूघासीदास जी ने गिरौदपुरी में अपना आश्रम बनाया तथा सोनाखान के जंगलों में सत्य और ज्ञान की खोज के लिए लम्बी तपस्या भी की। मुख्यमंत्री को हमारे समाज के युवाओ को आप शब्द बोलने का कोई हक नहीं है…हमारे समाज के युवाओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपना हक मांगने का प्रयास किया है जिस हक और अधिकार को मुख्यमंत्री और कांग्रेस की सरकार ने कम कर दिया है। समाज का 16 परसेंट के आरक्षण को आज 14 परसेंट पर ला दिया। मुख्यमंत्री जी समाज को कम मत आंकना। समाज यदि अपने में आ गया तो कांग्रेस की सरकार को आने वाले समय में भुगतना पड़ेगा। मुख्यमंत्री के साथ उनके पूरे मंत्रिमंडल ने षडयंत्र पूर्वक हमारे अनुसूचित जाति के आरक्षण को कम करने का प्रयास किया है जिसका भुगतान उन्हें भुगतना पड़ेगा और समाज के युवाओं को अधिकार मांगने पर मुख्यमंत्री के द्वारा कुकुर की संज्ञा देना, भौंकने वाले की संज्ञा देना। प्रदेश के एक उच्च पद में बैठे मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता। आने वाले समय में यही समाज के लोग जिन्हें आपके द्वारा भोंकने वाले की संज्ञा दि गई हैं आपको दिखा देंगे कि समाज की ताकत क्या होती है। कार्यक्रम की इस अवसर पर सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर आयोजन समिति के साथ ही मंडल अध्यक्ष राम जी वर्मा, जनपद पंचायत के सभापति अनिल वर्मा, सभापति गोविंद साहू, त्रंबकेश्वर सोनटेके, महामंत्री मुकेश कुर्रे, उपसरपंच रामजी छिदौड़े, भूखंड छिदौड़े, राजाराम छिदौड़े, किशोर, रत्नु, रतन, राजू, छविराम, शिव, ओंकार, नंद कुमार यदु, हेमनाथ ध्रुव, गोपाल यदु, ओम प्रकाश वर्मा, राघवेंद्र मानिकपुरी,अजीत वर्मा, सागर पटेल, लोचन ध्रुव, विकास गायकवाड, राहुल चंद्राकर, के साथ भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।