Share this
BBN24/20 अगस्त 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ हुई संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान भारत-मलेशिया संबंधों को एक नई दिशा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दोनों देश न केवल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं, बल्कि अपने द्विपक्षीय सहयोग को “व्यापक रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक ले जाने के लिए भी संकल्पित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और मलेशिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदियों से दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। मलेशिया में लगभग 30 लाख भारतीय प्रवासी, जो वहां की संस्कृति, खान-पान, संगीत और त्यौहारों में योगदान देते हैं, इस मित्रता का सजीव उदाहरण हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मलेशिया द्वारा भारत में 5 बिलियन डॉलर तक का निवेश पिछले वर्षों में किया गया है, जो दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाता है।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग को और गहरा किया जाएगा, जिसमें सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, एआई और क्वांटम टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने इस बात की घोषणा की कि भारत के यूपीआई को मलेशिया के पेनेट से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा जाएगा।
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर बात करते हुए मोदी ने कहा कि मलेशिया की “यूनिवर्सिटी तुन्कु अब्दुल रहमान” में एक आयुर्वेद चेयर स्थापित की जा रही है और “मलेया यूनिवर्सिटी” में तिरुवल्लुवर चेयर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मलेशिया भारत के लिए आसियान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पार्टनर है, और भारत आसियान केन्द्रीयता को प्राथमिकता देता है। दोनों देशों ने एफटीए की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर सहमति व्यक्त की।
अंत में, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और मलेशिया के बीच बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा हो गया है और पिछले दो वर्षों में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के सहयोग से इस साझेदारी में नई गति और ऊर्जा आई है |