टीम इंडिया पर भारी क्यों पड़ रहे ब्रीत्ज्के? बल्लेबाज़ ने खुद बताई कामयाबी का फॉर्मूला

क्रिकेट | रांची में मिली हार के बाद दक्षिण अफ्रीका की टीम ने रायपुर मुकाबले में धमाकेदार वापसी की और 359 रनों के विशाल लक्ष्य को चार गेंद शेष रहते ही हासिल कर लिया। कप्तान एडेन मारक्रम ने शतक जड़कर जीत की नींव रखी, लेकिन उनके साथ मैथ्यू ब्रीत्ज्के की अहम पारी ने भी मैच का रुख तय किया। रायपुर में ब्रीत्ज्के ने 64 गेंदों पर 68 रन बनाए, जबकि रांची वनडे में उन्होंने 80 गेंदों पर 72 रनों की उपयोगी पारी खेली थी।
भारत में पहली बार खेलने आए इस युवा बल्लेबाज़ की सफलता ने सबको हैरान किया है। विशाखापत्तनम वनडे से पहले ब्रीत्ज्के ने खुद बताया कि आखिर क्यों भारतीय गेंदबाज उन्हें रोक नहीं पा रहे हैं।
भारत की पिचों से खुश ब्रीत्ज्के
विशाखापत्तनम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्रीत्ज्के ने कहा कि उन्हें यहां की परिस्थितियां बेहद रास आ रही हैं। उन्होंने कहा,
“भारत में बल्लेबाज़ी करना काफी मज़ेदार है। मैं हाल ही में पाकिस्तान से सीरीज खेलकर आया हूं, वहां की पिचें बैटिंग के लिए उतनी मददगार नहीं थीं। यहां हालात बिल्कुल अलग हैं और गेंद आसानी से बल्ले पर आती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि रात में होने वाली ओस (ड्यू) उनके लिए बड़ा फायदा साबित हो रही है। दक्षिण अफ्रीका ने अब तक दोनों मैचों में चेज़ किया है और ओस के कारण गेंदबाजों के लिए स्पिन और सीम हासिल करना मुश्किल हो जाता है।
निचले क्रम से मिलता है भरोसा
ब्रीत्ज्के ने कहा कि टीम के लोअर ऑर्डर ने उन्हें और बाकी बल्लेबाज़ों को खुलकर खेलने का हौसला दिया है। उनके अनुसार मार्को यानसन और कॉर्बिन बॉश जैसे खिलाड़ी निचले क्रम में पावर हिटिंग करने में सक्षम हैं, जिससे टॉप ऑर्डर पर दबाव कम हो जाता है।
11 वनडे मैचों में ही 682 रन बना चुके ब्रीत्ज्के का औसत 68.2 है और उनके नाम 6 फिफ्टी और एक सेंचुरी दर्ज है।
अगर टीम इंडिया को सीरीज में वापसी करनी है, तो इस फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ को जल्द आउट करना बेहद ज़रूरी होगा, वरना वनडे में भी नतीजे टेस्ट की तरह निराश करने वाले हो सकते हैं।



