RO.NO. 01
अंतर्राष्ट्रीय

Trump Alert: रूसी तेल डील पर भारत पर लग सकता है बड़ा इंपोर्ट ड्यूटी झटका

Ro no 03

नेशनल डेस्क: अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखी, तो उस पर भारी आयात शुल्क (Heavy Import Duty) लगाया जा सकता है। ट्रंप ने यह बयान अपने विमान एयर फोर्स वन में मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।

ट्रंप का बयान — “भारत को दी गई है साफ चेतावनी”

ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की थी, जिसमें मोदी ने रूस से तेल न खरीदने का भरोसा दिया था। ट्रंप ने कहा, “अगर भारत उस वादे से पीछे हटता है, तो उसे भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।”
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि रूस से ऊर्जा आयात करने वाले देश अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को वित्तीय मदद दे रहे हैं। इसी कारण अमेरिका अपने सहयोगी देशों पर दबाव बना रहा है कि वे रूसी तेल की खरीद बंद करें या कम करें।

भारत ने किया दावा खारिज — “ऊर्जा नीति स्वतंत्र है”

ट्रंप के इस बयान पर भारत सरकार ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति “घरेलू जरूरतों और आर्थिक स्थिरता” पर आधारित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपनी ऊर्जा खरीद के फैसले स्वतंत्र रूप से लेता है और किसी बाहरी दबाव में नहीं आएगा।
जायसवाल ने कहा — “भारत एक जिम्मेदार ऊर्जा आयातक है और उसका उद्देश्य आपूर्ति का विविधीकरण बनाए रखना है ताकि वैश्विक बाजार में स्थिरता बनी रहे।”

पहले भी बढ़ा चुके हैं टैरिफ

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप प्रशासन ने भारत पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की बात कही हो। इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने भारत से आने वाले कई उत्पादों — जैसे कपड़े, फार्मास्युटिकल्स और कृषि उत्पादों — पर टैरिफ बढ़ा दिया था। भारतीय उद्योग संगठनों का कहना है कि इस नीति से भारत के निर्यात को भारी नुकसान हो रहा है।
अगर रूस से तेल खरीदने को लेकर भी आयात शुल्क बढ़ाया गया, तो भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में तनाव और गहराएगा।

भारत की ऊर्जा रणनीति — “किफायती और स्थायी विकल्प”

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। वर्तमान में वह अमेरिका, सऊदी अरब, रूस और UAE से तेल खरीदता है। ऊर्जा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रूस से मिलने वाला तेल भारत के लिए सबसे सस्ता और स्थायी विकल्प है, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा रणनीति का एक अहम हिस्सा है।

मोदी-ट्रंप बातचीत पर विवाद

ट्रंप का यह दावा कि मोदी ने उनसे रूस से तेल न खरीदने का वादा किया था, भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि “ऐसी कोई बातचीत आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है।” जब पत्रकारों ने ट्रंप से इस पर सवाल किया तो उन्होंने दोहराया — “अगर भारत ऐसा नहीं मानता, तो उसे भारी टैरिफ भुगतना होगा।”

संकेत साफ हैं कि आने वाले महीनों में रूस से ऊर्जा आयात को लेकर भारत-अमेरिका रिश्तों में नई खींचतान देखने को मिल सकती है।

Share this

Kailash Jaiswal

"BBN24 News - ताजा खबरों का सबसे विश्वसनीय स्रोत! पढ़ें छत्तीसगढ़, भारत और दुनिया की ब्रेकिंग न्यूज, राजनीति, खेल, व्यवसाय, मनोरंजन और अन्य अपडेट सबसे पहले।"

Related Articles

Back to top button