राज्य सरकार की शिक्षा को लेकर कर रहे दावे की खुली पोल, सरकारी स्कूल में शिक्षको की कमी को लेकर विद्यार्थी परेशान, दे रहे आंदोलन की चेतावनी…

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नुकंत साहू बलौदाबाजार / एक तरफ तो राज्य सरकार शिक्षा को लेकर बड़े- बड़े दावे करती है तो वही बलौदाबाजार – भाटापारा जिले में इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है बलौदाबाजार – भाटापारा जिले के नगर पंचायत टुंड्रा के हाईस्कूल में कई महीनों से शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थी परेशान हैं। शिक्षक नही होने से विद्यार्थियों को अध्ययन करने में समस्याएं हो रही है। जिसको लेकर विद्यार्थीयों ने जिले के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भी सौपा है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय टुण्ड्रा में विगत 4 माह से शिक्षकों की कमी है। विद्यालय में 520 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या है। शिक्षको की मांग को लेकर विद्यार्थी लगातार अधिकारियों से ज्ञापन और निवेदन कर रहे है। विद्यालय में 16 शिक्षकों की जरूरत है लेकिन अभी वर्तमान में केवल 6 शिक्षक ही है, उसमे से 1 शिक्षक मेडिकल छुट्टी पर है। अभी 5 शिक्षक  ही पढ़ाते है। जिससे बच्चो का अध्याय  पूरा नही हो पा रहा। आने वाले मार्च में बोर्ड एग्जाम भी आ रहा है लेकिन आधे से ज्यादा अध्याय पढ़ाने के लिए बचा है। ऐसे में विद्यार्थी अपने एग्जाम को लेकर चिंतित है। शिक्षक नही होने पर विद्यार्थी पढ़ाने का जिम्मा स्वंय उठा रहे हैं। वही विद्यार्थियों का कहना है कि जल्द अधिकारियों ने शिक्षक की कमी को पूरा नही किया तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे।

इस संबंध में प्रभारी प्राचार्य फिरतराम पटेल ने बताया की शिक्षकों की उचित व्यवस्था करने को लेकर हमारे संस्था प्रमुख के द्वारा उच्च अधिकारों को कई बार लिखित में अवगत करा दिया गया हैं, जिसके बाद भी जिले के कोई भी बड़े अधिकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर किसी भी प्रकार का सुध नही लिए है वही स्टूडेंट द्वारा कुछ दिन पूर्व कलेक्टर महोदय और जिला शिक्षा अधिकारी को शिक्षकों की कमी के सम्बंध में ज्ञापन भी सौंपा गया हैं। और अतिशीध्र शिक्षकों की व्यवस्था नही होती तो स्कूल में ताला जड़कर उग्र आन्दोल करने की चेतावनी दे रहे है। 

वही इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर रजत बंसल ने कहा की जिला शिक्षा अधिकारी को आदेशित किया गया है की वहां टीचर जल्द से जल्द उपलब्ध कराए। अब देखना यह होगा की जिले के कलेक्टर के आदेश का पालन कब तक किया जायेगा या फिर सरकारी स्कूल के बच्चों के भविष्य से ऐसे ही खिलवाड़ किया जायेगा ।