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‘जातिवाद’ पर तंज…भगवान राम की ‘मर्यादा’, विजयदशमी पर PM मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को दिल्ली के द्वारका में DDA ग्राउंड में दशहरा कार्यक्रम में रावण दहन किया. जहां उन्होंने देशवासियों से कम से कम एक गरीब परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने सहित 10 संकल्प लेने का आग्रह किया.

कार्यक्रम स्थल के मंच पर आयोजकों द्वारा पीएम मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया. यहां बड़ी संख्या में लोग ‘रावण दहन’ देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत ‘सियावर रामचन्द्र की जय’ के नारे के साथ की और नागरिकों को नवरात्रि और विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं. साथ ही उन्होंने हर देशवासी से 10 संकल्प लेने के लिए कहा.

आइए इस खबर में जानते हैं उनके भाषण की 10 बड़ी बातें…
उन्होंने अपने भाषण में कहा पूरे देश को विजयदशमी की बधाई देता हूं. यह बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है. हम हर साल रावण दहन करते हैं लेकिन इतना ही काफी नहीं है. यह पर्व संकल्पों को दोहराने का भी पर्व है.

देश भर में जाति जनगणना पर जोर देने वाले I.N.D.I.A गठबंधन पर परोक्ष हमला करते हुए PM मोदी ने कहा कि ‘रावण दहन’ केवल एक पुतला जलाने के बारे में नहीं होना चाहिए, बल्कि उन ताकतों के बारे में भी होना चाहिए जो ‘मां भारती’ को जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर विभाजित करने की कोशिश करते हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने समाज में सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को खत्म करने का आह्वान किया. उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम मंदिर का निर्माण धैर्य की जीत का प्रतीक है.

प्रधाममंत्री मोदी ने आगे कहा ‘हम काफी भाग्यशाली हैं कि लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम मंदिर का निर्माण होते देख रहे हैं. यह हमारे धैर्य की जीत का संकेत है.’

पीएम मोदी ने कहा कि दशहरा उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. विजयादशमी का यह पर्व, अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हम गीता का ज्ञान जानते हैं और आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण भी जानते हैं. हम श्री राम की ‘मर्यादा’ जानते हैं और यह भी जानते हैं कि अपनी सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है.’

पीएम मोदी ने नागरिकों से इस साल दशहरे पर 10 संकल्प लेने का आग्रह किया. इन 10 प्रतिज्ञाओं में जल संरक्षण, डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना, अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखना, वोकल फॉर लोकल होना और मेड इन इंडिया प्रोडक्ट खरीदना, गुणवत्तापूर्ण काम करना, पहले भारत का भ्रमण करना उसके बाद ही किसी विदेशी देश का दौरा करना, प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना, दैनिक भोजन में सुपरफूड बाजरा को शामिल करना, जीवन में फिटनेस को प्राथमिकता देना और योग और खेल को शामिल करना और अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने के लिए एक गरीब परिवार का सदस्य बनना शामिल है.

उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा ‘विजयदशमी अन्याय पर न्याय की, अहंकार पर विनम्रता की और क्रोध पर धैर्य की जीत का त्योहार है और यह प्रतिज्ञाओं को दोहराने का भी दिन है.’

इस दिन शस्त्र पूजा की परंपरा का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में हथियारों का उपयोग कब्जे के लिए नहीं बल्कि किसी के क्षेत्र की रक्षा के लिए किया जाता है.

पीएम मोदी ने भारतीय दर्शन के शाश्वत और आधुनिक पहलुओं पर जोर दिया. उन्होंने कहा ‘हम भगवान राम की ‘मर्यादा’ जानते हैं और साथ ही यह भी जानते हैं कि अपनी सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है.’

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