छोटे लोन में बड़ा कदम: RBI कर सकता है स्मार्टफोन लॉक का रास्ता आसान

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्पष्ट किया है कि EMI न चुकाने पर स्मार्टफोन लॉक करने का प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि लेंडर्स को ऐसी अनुमति देने से पहले कंज्यूमर्स और लेंडर्स दोनों के हितों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। उनका कहना था कि मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों और डेटा गोपनीयता की सुरक्षा करना है।
आरबीआई डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव ने भी कहा कि इस विषय पर पक्ष-विपक्ष की दलीलों का मूल्यांकन किया जा रहा है और उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि केंद्रीय बैंक यह अनुमति देता है तो इसके लिए लोन समझौते में उधारकर्ता की स्पष्ट सहमति आवश्यक होगी। डिवाइस लॉक ऐप के माध्यम से यह उपाय संभव है, जिसमें कुछ निश्चित किस्तों के चूकने पर डिवाइस अस्थायी रूप से निष्क्रिय किया जा सकता है जब तक बकाया राशि का भुगतान न हो।
विशेषज्ञों ने बताया कि मौजूदा कानून स्पष्ट रूप से ऐसा करने की अनुमति नहीं देता, इसलिए यह नियामकीय अनिश्चितता के दायरे में आता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन समेत लगभग एक-तिहाई कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ईएमआई पर खरीदी जाती हैं। पिछले वर्ष RBI ने लेंडर्स को डिफ़ॉल्ट करने वाले ग्राहकों के मोबाइल फोन लॉक करने से रोकने का निर्णय लिया था।
विशेषज्ञ मानते हैं कि फोन लॉक करने के विकल्प से छोटे लोन में डिफ़ॉल्ट दर को नियंत्रित किया जा सकता है और जानबूझकर चूक को हतोत्साहित किया जा सकता है। RBI ने कहा कि इस पहल में डेटा गोपनीयता और कंज्यूमर्स की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और किसी भी स्थिति में उपभोक्ताओं को नुकसान नहीं होना चाहिए। केंद्रीय बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि लोन के दौरान दोनों पक्षों के हितों का संतुलन बना रहे।
RBI की योजना अगले कुछ महीनों में अपने “निष्पक्ष व्यवहार संहिता” को अपडेट करने की भी है। इस कदम का उद्देश्य छोटे कंज्यूमर लोन में बढ़ती डिफ़ॉल्ट दर को नियंत्रित करना और ग्राहकों की जिम्मेदारी को स्पष्ट करना है।