राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने तिरुमाला मंदिर में की पूजा-अर्चना, आज हैदराबाद के लिए रवाना

नई दिल्ली :- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार सुबह तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित विश्वविख्यात वेंकटेश्वर मंदिर में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की। वह पद्मावती गेस्ट हाउस से निकलकर सबसे पहले तिरुमाला की परंपरा के अनुरूप भू वराहस्वामी मंदिर पहुंचीं और दर्शन किए। इसके बाद राष्ट्रपति तिरुमाला मंदिर पहुंचीं, जहां तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अध्यक्ष बी.आर. नायडू, कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार सिंघल समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
मंदिर परिसर में पुजारियों ने परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति मुर्मु का ‘इस्तिकपाल’ सम्मान किया। द्वारस्तंभ पर पूजा के बाद उन्होंने मुख्य गर्भगृह में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन किए। इस दौरान आंध्र प्रदेश के बंदोबस्ती मंत्री अनम रामनारायण रेड्डी भी उनके साथ मौजूद रहे।
दर्शन के पश्चात राष्ट्रपति को रंगनायकुला मंडपम ले जाया गया, जहां पुजारियों ने उन्हें ‘वेदाशिर्वचनम’ का आशीर्वाद दिया। इसके बाद टीटीडी चेयरमैन और ईओ ने उन्हें वारी तस्वीरें, प्रसाद, टीटीडी कैलेंडर 2026 और डायरी भेंट की। कार्यक्रम में टीटीडी बोर्ड के सदस्य पनबाका लक्ष्मी, जानकी देवी, भानु प्रकाश रेड्डी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति मुर्मु गुरुवार को तिरुपति पहुंचीं थीं। यहां उन्होंने तिरुचनूर स्थित पद्मावती अम्मावारी मंदिर में पूजा-अर्चना की। शाम को तिरुमाला पहुंचने पर आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वंग्लापुडी अनिता और टीटीडी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
तिरुमाला मंदिर में दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मु हैदराबाद के लिए रवाना हो गईं, जहां वह सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम में ‘भारतीय कला महोत्सव 2025’ का उद्घाटन करेंगी। इस महोत्सव के दूसरे संस्करण में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, गोवा, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव की समृद्ध संस्कृति, व्यंजन और कला परंपराओं का प्रदर्शन किया जाएगा।
राष्ट्रपति मुर्मु शनिवार को आंध्र प्रदेश के सत्य साईं जिले के पुट्टपर्थी जाएंगी और प्रासंति निलयम में आयोजित सत्य साईं बाबा की 100वीं जयंती के विशेष सत्र में शामिल होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस महत्त्वपूर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया था।



