पीएम मोदी ने कोयंबटूर में नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 को किया संबोधित

कोयंबटूर, तमिलनाडु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयंबटूर में आयोजित साउथ इंडिया नेचुरल फार्मिंग समिट 2025 का उद्घाटन किया और उपस्थित किसानों, उद्यमियों व विशेषज्ञों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कोयंबटूर को दक्षिण भारत की संस्कृति, उद्यमिता और रचनात्मकता का केंद्र बताया। उन्होंने शहर के वस्त्र क्षेत्र के योगदान पर भी जोर दिया और पूर्व सांसद सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति बनने पर बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती को अपने दिल के करीब बताया और कहा कि भारत प्राकृतिक खेती का ग्लोबल हब बनने की राह पर है। उन्होंने किसानों को आगामी बदलावों और खेती में अवसरों के लिए शुभकामनाएं दी। मोदी ने बताया कि पिछले ग्यारह साल में कृषि निर्यात दोगुना हुआ है और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) स्कीम के माध्यम से इस साल किसानों को 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता मिली है।
प्रधानमंत्री ने रसायनिक खाद और कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर असर पड़ने की चिंता जताई और फसल विविधता एवं प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से मिट्टी स्वस्थ रहती है, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला आसान होता है और फसल लागत कम होती है।
पीएम मोदी ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी की गई, जिसमें देशभर के किसानों के बैंक खातों में 18,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के तहत दक्षिण भारत में हुए प्रयासों, जैविक और प्राकृतिक खेती के 35,000 हेक्टेयर क्षेत्र का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने फसल विविधता, पंचगव्य, जीवामृत और बीजामृत जैसे पारंपरिक तरीकों पर भी प्रकाश डाला और इसे देशभर में अपनाने की अपील की। उन्होंने दक्षिण भारत के खेती के मॉडल, सीढ़ीनुमा खेती और जल संरक्षण प्रणालियों को उदाहरण बताया और कहा कि यह अनुभव पूरे भारत में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
समिट 19 से 21 नवंबर तक चलेगा और इसमें 50,000 से अधिक किसान, वैज्ञानिक, प्राकृतिक खेती करने वाले, जैविक खाद आपूर्तिकर्ता और उद्यमी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में सतत, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त खेती को बढ़ावा देने, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, जलवायु-अनुकूल पैकेजिंग और देसी प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रदर्शित करने पर फोकस किया जाएगा।



