पीएम सूर्यघर योजना के प्रति लोगों में दिख रहा उत्साह

रायपुर: प्रधानमंत्री सूर्यघर मुक्त बिजली योजना ने कबीरधाम जिले के दौजरी गाँव में ग्रामीण ऊर्जा क्षेत्र में नई पहल को जन्म दिया है। अब यह योजना सिर्फ़ शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण अंचलों के लोगों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता हासिल करने का अवसर दे रही है। गाँव-गाँव में लोग अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बिल में बचत कर रहे हैं और साथ ही पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
दौजरी गाँव के निवासी रितेश चंद्रवंशी इस पहल की जीवंत मिसाल हैं। उन्होंने योजना का लाभ उठाते हुए अपने घर की छत पर सोलर पैनल स्थापित किया। अब उनके घर की सभी बिजली आवश्यकताएँ सौर ऊर्जा से पूरी हो रही हैं, जिससे उन्हें हर महीने लगभग 2,000 रुपये की बचत हो रही है। रितेश के अनुसार, केंद्र सरकार से उन्हें 78,000 रुपये और राज्य सरकार से 30,000 रुपये की सब्सिडी मिली, जिससे यह सिस्टम लगवाना आसान और किफायती बन गया।
रितेश कहते हैं, “अब न तो बिजली कटने की चिंता है और न ही बिजली बिल का बोझ। उल्टा सूरज की रोशनी से हमारी आमदनी भी बढ़ रही है। इस योजना ने हमारी जिंदगी को सरल और स्थायी बना दिया है।”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और शासन की प्राथमिकताओं में शामिल यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की नई चेतना फैला रही है। योजना के तहत 1 से 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम पर 45,000 से 1,08,000 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवार भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
रितेश की सफलता अब पूरे गाँव के लिए प्रेरणा बन गई है। उनकी पहल देखकर दौजरी और आसपास के क्षेत्रों के कई लोग भी सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन कर रहे हैं। बिजली विभाग को लगातार ऑनलाइन आवेदन मिल रहे हैं, जो इस योजना के प्रति ग्रामीणों के उत्साह को दर्शाते हैं। जिला प्रशासन और बिजली विभाग भी नागरिकों को योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देने में सक्रिय हैं।
कबीरधाम जिला अब स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है, और प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना ग्रामीण परिवारों के लिए उज्जवल और स्थायी भविष्य की नई किरण साबित हो रही है।