कई सोसायटियों में धान खरीदी ठप, सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती – विधायक इंद्र साव

भाटापारा। प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियां अब खुलकर सामने आने लगी हैं। धान खरीदी के पहले ही दिन क्षेत्र के अनेक किसान अपनी उपज लेकर जब संबंधित सोसायटियों में पहुंचे, तो वहां खरीदी के लिए कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था। किसानों को मायूस होकर खाली हाथ लौटना पड़ा। यह जानकारी क्षेत्र के विधायक इंद्र साव ने शनिवार को धान खरीदी केंद्रों के निरीक्षण के बाद दी।
विधायक साव ने कहा कि सरकार ने पहले ही धान खरीदी की घोषणा 15 दिन की देरी से की और जब खरीदी की तारीख आई तो किसानों को खरीद केंद्रों में अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार कभी नहीं चाहती कि किसानों का पूरा धान खरीदा जाए। 15 दिसंबर से खरीदी शुरू करने की घोषणा सिर्फ दिखावा है। प्रति एकड़ मात्र 21 क्विंटल धान खरीदने का फरमान किसानों के हितों के साथ किया गया बड़ा धोखा है।
साव ने कहा कि इस बार धान खरीदी की प्रक्रिया किसानों के लिए अत्यंत कठिन साबित हो रही है। टोकन व्यवस्था के कारण किसान अपनी ही उगाई फसल बेच पाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं। सरकार की नीतियों के चलते किसानों को मजबूरन अपनी बची हुई फसल बिचौलियों के हाथों सस्ती कीमत पर बेचनी पड़ रही है, जिससे उन्हें दोहरी आर्थिक क्षति झेलनी पड़ती है।
तैयारी शून्य—न बैठक, न पानी, न प्रबंधन
विधायक इंद्र साव ने बताया कि सरकारी दावों के विपरीत उपार्जन केंद्रों में किसी भी प्रकार की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि किसानों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं है, न ही पीने के पानी का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की तैयारियों के सारे दावे उनके क्षेत्र में विफल साबित हुए हैं।
साव ने कहा कि वे नियमित अंतराल पर अपने क्षेत्र के उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और किसानों की फसल तौल, बिक्री और भुगतान की स्थिति पर लगातार नजर रखेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों की फसल किसी भी परिस्थिति में बिचौलियों के हाथों नहीं बिकने दी जाएगी।



