छत्तीसगढ़ में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना हमारा लक्ष्य, देश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत में छत्तीसगढ़ काफी आगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत मार्च 2027 तक प्रदेश के 1 लाख 30 हजार घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में आयोजित 97वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस “फोरम ऑफ रेगुलेटर्स” को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को बढ़ाकर 5 लाख छतों तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपभोक्ताओं को बड़ी सब्सिडी दी जा रही है। 1 से 3 किलोवॉट क्षमता के संयंत्र लगाने पर केंद्र सरकार द्वारा 30 से 78 हजार रुपये तक की सहायता सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। इसके साथ राज्य सरकार भी अतिरिक्त सब्सिडी दे रही है, जिससे उपभोक्ताओं को कुल लागत का 75 प्रतिशत तक लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य स्थापना के 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता 30,000 मेगावाट तक पहुँच गई है। स्टेट सेक्टर, निजी क्षेत्र और केंद्रीय सेक्टर की भागीदारी से यह संभव हुआ है। हाल ही में 32 हजार मेगावाट क्षमता वाले बिजलीघरों के लिए एमओयू किए गए हैं, जिनमें ताप विद्युत, पंप स्टोरेज, परमाणु, बैटरी स्टोरेज और सौर ऊर्जा परियोजनाएँ शामिल हैं। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ का लक्ष्य 60 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन करने का है।
उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति बिजली खपत में भी छत्तीसगढ़ देश से आगे है। यहां खपत 2,211 यूनिट है, जबकि राष्ट्रीय औसत केवल 1,255 यूनिट है। प्रदेश अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली का उत्पादन कर देश और पड़ोसी राज्यों के विकास में योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में कैबिनेट बैठक में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 2030 तक लागू रहने वाली नीति में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके तहत नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को औद्योगिक नीति में प्राथमिकता दी जाएगी।
इस मौके पर केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष जिश्नु बरुआ, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव रोहित यादव सहित देशभर के विद्युत नियामक आयोगों के अध्यक्ष और विशेषज्ञ उपस्थित रहे।