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,बलौदाबाजार- बलौदा बाजार जिला के लवन रेंज वन विभाग के अल्दा गांव के जंगल में लगे तालाब किनारे दो तेडुए की लगभग एक माह पुरानी सड़ी गली हुई नर कंकाल होने की जानकारी वन विभाग को शनिवार को हुआ जिसके बाद से विभाग के लोगो का कान खड़े हो गया । वही डी एफ ओ मयंक अग्रवाल ने इसे आपसी संघर्ष का मामला होने की संभावना जता रहे है । जबकि दोनो तेदूए के नर कंकाल को विभाग ने डॉक्टरों के पंचनामा के बाद जला दिया है । सूत्रों की माने तो मामला शिकार का जो गांव के पालतू जानवर को तेदुए ने शिकार कर मार दिया था, उसके बाद से ही नाराज होकर तेंदुए की शिकार करने जहर देकर मारा गया है ऐसा माना जा रहा है की तेंदुए को मरे हुए जानवर में जहर देकर मारा होगा या फिर पानी में डालकर खैर जो भी हो मगर वन विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है क्योंकि दोनो तेदूए की उम्र लभभग एक का 4साल तो दूसरे का 6साल हो सकता है वही जिस जगह पर दोनो तेंदुए की लाश मिली वहा गांव से एक किलोमीटर दूर तालाब के किनारे है और दोनो लाश करीब 50से 60मीटर दूर पड़ा हुआ था जिसमे एक 4साल के तेंदुए में तो सिवाए कंकाल के आलावा कुछ नही बचा था जबकि दूसरे तेंदुए का थोड़ा शरीर का हिस्सा मिला जो कंकाल बचा था मगर दोनो की मौत का सही जानकारी पीएम होने से पता चलता मगर जब पीएम नही हुआ तो सिर्फ मौत की संभावना ही जताया जा सकता है जो विभाग कहेगा ।एक तरफ शिकार की संभावना से इंकार दूसरी ओर डांग स्कार्ट की मदद,मामले में डी एफ ओ मयंक अग्रवाल की ब्यान ही विरोधाभास लग रहा है उनका कहना है की डॉक्टरों ने पंचनामा में मौत की संभावना आपसी संघर्ष का होने की बात कह रहे है तो फिर डांग स्कार्ट की मदद क्यों ली जा रही है क्या मामला शिकार का है और इसे दूसरा रूप देने का प्रयास किया जा रहा है ।एक माह तक सोता रहा विभाग दो तेदुए का कंकाल मिला ,वन विभाग कितना लापरवाह है वो इस बात से ही पता चल जाता है की दो तेदुए की मौत गांव से महज एक किलोमीटर दूर जंगल में तलब के पास हो गया और उस बिट का इंजार्च को पता ही चलता जबकि जंग में बिट का प्रभारी रेंजर डिप्टी रेंजर एसडीओ सब होते है पर किसी को खबर ही नहीं लगा और सबसे बड़ी बात की मरे हुए तेदुए की पहचान भी नहीं हो सका की नर है की मादा क्योंकि नर कंकाल होने से ये पता भी नही लगाया जा सकता ।
लगातार हो रहे जंगल में शिकार एक माह पहले करेंट लगा कर हाथी का शिकार किया ,फसल नुकसान करने से परेशान हो कर एक व्यक्ति ने एक माह पहले एक हाथी को मार गिराया था ।वही जंगल में लगातार चीतल बरहा का शिकार तो आम बात है मगर विभाग कही कही शिकारियों को पकड़ कर कार्यवाही जरूर किया मगर शिकार होने रोकने में असफल रहे है ।तीन डॉक्टरों की टीम ने किया पंचनामावही दोनो तेदूए के नर कंकाल का पीएम करने तीन डॉक्टरों का टीम घटना स्थल पहुंचे जहां पर एक माह पुराने नर कंकाल होने से डॉक्टरों को पीएम करने के लिए कुछ भी नहीं मिला क्योंकि नर कंकाल होने से बिसरा और अन्य जरूरत की पार्ट नही होने से सिर्फ कंकाल देखकर पंचनामा किया गया ।वही मृत तेदुए को मरने के बाद जंगली जानवरों ने खाने का भी प्रयास किया है जिससे उनके शरीर के कुछ हिस्से आसपपास भी पड़े मिले । विवादो से हमेशा रहा लवन रेंज का नाता वही वन विभाग के लवन रेंज का हमेशा विवादो से नाता रहा है जहा कामों को लेकर विधानसभा तक भी यहां का मामला गूंजा है फिर चाहे जंगली जानवरों की शिकार और मौत की बात हो हमेशा सुर्खियों में बना रहता है ।इस संबध में डी एफ ओ मयंक अग्रवाल का कहना है की दो तेंदुए की नर कंकाल मिला है जो करीब एक माह पुराना है तीन डॉक्टरों की टीम ने पंचनामा किया है जिसमे यह संभभाना जताया जा रहा है की आपस में संघर्ष का मामला होगा घटना स्थल पहाड़ी जैसा है और वहां गांव वालो का आना जाना नही होता और अभी हाथियों का भी मूमेंट होने से लोग नही आ जा रहे है । शिकार की संभावना ज्यादा नही है क्योंकि दोनो तेदूए का अंग सुरक्षित है जिसे शिकारी ले जाते है । फिलहाल मामले की जांच कर रहे है