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रायपुर. स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज बाल दिवस पर गंभीर बीमारी से पीड़ित चिरायु योजना के लाभार्थी बच्चों के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना. उन्होंने फोन पर बातकर बच्चों और उनके परिजनों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दीं और ऑपरेशन के बाद उनके स्वास्थ्य की ताजा स्थिति की जानकारी ली. स्वास्थ्य मंत्री ने परिजनों को ऑपरेशन के बाद फॉलो-अप के लिए नियमित रूप से डॉक्टरों के पास जाने कहा. उन्होंने बच्चों की सेहत से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी होने पर अपने मोबाइल नम्बर पर संपर्क करने कहा.
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु योजना से उपचारित छह बच्चों के परिजनों से बात की. गंभीर बीमारियों से जूझ रहे इन बच्चों का राज्य शासन ने नामी अस्पतालों में निःशुल्क ऑपरेशन करवाया है. ऑपरेशन के बाद इन सभी बच्चों का स्वास्थ्य काफी बेहतर है और ये बच्चे अब अपनी शारीरिक तकलीफों से काफी हद तक निजात पा चुके हैं. चिरायु योजना के अंतर्गत इन बच्चों की सर्जरी देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों चेन्नई के अपोलो चिल्ड्रन हॉस्पिटल, नवा रायपुर के श्री सत्य साई अस्पताल, हैदराबाद के एल.वी. प्रसाद आई इंस्टीट्यूट और एम्स (AIIMS) रायपुर में कराया गया है.
मंत्री सिंहदेव ने कॉकलियर इम्प्लांट वाले दुर्ग जिले की ख्यांशि यादव, हृदय की सर्जरी वाले बिलासपुर जिले के खोशांग दिव्य, कांकेर की दामन तिवारी और सरगुजा की मेंडरा कला की अमृता दास के परिजनों से फोन पर बातकर उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना. उन्होंने क्लेफ्ट लिप (Cleft Lip) की सर्जरी वाले दुर्ग की अनाया कुमारी और रेटिनोपैथी ऑफ प्रिमेच्युरिटी (Retinopathy of Prematurity) के इलाज के लिए नेत्र सर्जरी वाले काव्या मंडावी के परिजनों से भी चर्चा कर उनकी सेहत और फॉलो-अप इलाज के बारे में जानकारी ली. सभी बच्चों के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों के निःशुल्क ऑपरेशन के लिए राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त किया.
राज्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ‘चिरायु’ योजना में पिछले दो वर्षों में हायर सेंटर्स में इलाज की जरूरत वाले कुल 54 हजार 407 बच्चों का उपचार किया गया है. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 31 हजार 430 बच्चों का इलाज किया गया है. वहीं 2021-22 में 22 हजार 977 बच्चों को उपचार मुहैया कराया गया है. ‘चिरायु’ योजना के तहत शून्य से 18 वर्ष तक के बच्चों में 44 तरह की बीमारियों की जांचकर जरुरतमंद बच्चों को निःशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाता है. बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश भर में 328 ‘चिरायु’ दल कार्यरत हैं. ये स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं और उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचानकर निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करते हैं. हायर सेंटर में जांच और इलाज की जरूरत वाले बच्चों को हायर सेंटर्स में रिफर किया जाता है.