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बचपन से बुढ़ापे तक मजबूत हड्डियां: ऐसे बनाएं बबूल गोंद वाला दूध

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Health tips : आज के दौर में कमर दर्द एक ऐसी समस्या बन गई है, जो उम्र के हर पड़ाव में लोगों को परेशान कर रही है। चाहे ऑफिस में घंटों बैठकर काम करने वाले युवा हों या बढ़ती उम्र में कमजोरी झेल रहे बुजुर्ग—लगभग हर कोई इस दर्द की शिकायत करता है। गलत बैठने की आदत, तनाव, कमजोर हड्डियां और अनियमित दिनचर्या इसकी बड़ी वजहें हैं। बाज़ार में मिलने वाली दवाइयां और दर्दनाशक तेल केवल थोड़ी देर राहत देते हैं, लेकिन असली समाधान हमारे घर की रसोई में छिपा है—बबूल का गोंद।

 बबूल गोंद: प्राकृतिक इलाज, असर भरपूर

कमर दर्द और जोड़ों की जकड़न को कम करने के लिए बबूल का गोंद सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे तैयार करने का तरीका बेहद आसान है। थोड़ी सी मात्रा में गोंद लें और देसी घी में हल्की आंच पर भून लें। भुनते ही यह फूलकर हल्का और कुरकुरा हो जाता है। ठंडा होने पर इसे पीसकर बारीक पाउडर बना लें।
अब रोज़ाना रात को एक गिलास गरम दूध में इस पाउडर का एक चम्मच मिलाकर पिएं—बस इतना ही।

 सर्दियों में दर्द से दिलाए तुरंत राहत

ठंडी हवाओं के चलते सर्दियों में कमर और जोड़ों का दर्द अक्सर बढ़ जाता है। ऐसे समय में गोंद की गर्म तासीर शरीर में जमा ठंडक को खत्म करती है और दर्द को प्राकृतिक तरीके से कम करती है। यह नुस्खा शरीर को अंदर से गर्म रखता है और मांसपेशियों में जान भर देता है।

 कंप्यूटर पर काम करने वालों के लिए बेहद फायदेमंद

लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठकर काम करने वाले लोगों को अक्सर कमर और कंधों में खिंचाव महसूस होता है। नियमित रूप से गोंद वाला दूध पीने से मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है, हड्डियां मजबूत बनती हैं और शरीर की सहनशक्ति बढ़ती है।

 महिलाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी

प्रसव के बाद या उम्र बढ़ने पर महिलाओं के शरीर में कमजोरी आना सामान्य है। ऐसे में बबूल का गोंद ऊर्जा का बेहतरीन स्त्रोत साबित होता है। यह थकान कम करता है, शरीर में नई शक्ति लाता है और नींद की गुणवत्ता भी बेहतर बनाता है। सर्दियों में जोड़ों के दर्द से परेशान महिलाओं के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं।

 ध्यान रहे: मात्रा का नियंत्रण ज़रूरी

हालांकि यह नुस्खा असरदार है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। ज्यादा लेने पर शरीर में अत्यधिक गर्मी बढ़ सकती है। यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या नियमित दवाइयों पर हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका उपयोग शुरू करें।

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Kailash Jaiswal

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