श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन की सख्ती, श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच में लापरवाही पर जताई नाराजगी

रायपुर। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने सोमवार को मंत्रालय महानदी भवन में श्रम विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने निजी उद्योगों द्वारा कराई जाने वाली श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच में बरती जा रही लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई।
मंत्री ने बताया कि जोखिम वाले 913 कारखानों में से केवल 682 कारखानों ने ही श्रमिकों की चिकित्सा रिपोर्ट अपलोड की है। शेष कारखानों ने रिपोर्ट अपलोड नहीं की, वहीं अपलोड करने वाले कई उद्योगों ने खानापूर्ति की। इस पर मंत्री देवांगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच में किसी भी तरह की मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने फील्ड में जाकर नियमित निगरानी रखने और नियमों का पालन न करने वाले कारखानों पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में यह भी सामने आया कि 929 कारखानों में से 222 ने निरीक्षण के बाद पाई गई कमियों के निराकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। इस पर मंत्री ने कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए।
बैठक में श्रम विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, संयुक्त सचिव फरिहा आलम, उप सचिव अंकिता गर्ग, अपर आयुक्त सविता मिश्रा, एस.एल. जांगड़े और श्रम कल्याण मंडल के सचिव गिरीश रामटेके सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
योजनाओं की गहन समीक्षा
मंत्री देवांगन ने संगठित, असंगठित एवं श्रम कल्याण मंडल की सभी योजनाओं, स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग और ईएसआईसी की समीक्षा की। उन्होंने श्रमिक आवास योजना की राशि को एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख प्रति हितग्राही करने के निर्देश दिए। कई जिलों में कमजोर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई और योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ श्रमिकों तक पहुँचाने पर जोर दिया गया।
उन्होंने प्रदेश में लगभग 30 लाख 69 हजार पंजीकृत श्रमिकों का जिक्र करते हुए बताया कि इनमें से करीब 11 लाख श्रमिकों ने 5 साल बाद भी नवीनीकरण नहीं कराया है। इसके लिए अधिकारियों को दोबारा पंजीयन कराने और व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।
योजनाओं का विस्तार और भविष्य की दिशा
मंत्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों और उनके परिवारों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित हैं। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता है कि “अब मजदूर का बच्चा मजदूर नहीं रहेगा”। अटल उत्कृष्ट योजना, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार किट योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना और निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए शैक्षणिक व खेल प्रोत्साहन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।