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जानिए अक्ब अपनी नींद से जागेंगे चन्द्रमा पर पहुंचे विक्रम-प्रज्ञान, ISRO चीफ ने सांझा की बड़ी जानकारी

विज्ञान न्यूज़ डेस्क – चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बड़ी बात कही है। इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-3 का रोवर ‘प्रज्ञान’ अपनी सतह पर हाइबरनेशन में है, लेकिन इसके पुनः सक्रिय होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी को पता है कि रोवर और लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह पर हाइबरनेशन में चले गए हैं. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एस सोमनाथ ने कहा कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन का मकसद ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ था. इसके बाद 14 दिनों तक प्रयोग किए गए और जरूरी डेटा इकट्ठा किया गया.एक न्यूज कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए एस.सोमनाथ ने कहा कि अब यह वहां शांति से सो रहा है…इसे अच्छे से सोने दें…हम इसे परेशान न करें…जब यह खुद उठना चाहेगा तो उठ जाएगा.. .अभी मैं इसके बारे में यही कहना चाहता हूं यह पूछे जाने पर कि क्या इसरो को अब भी उम्मीद है कि रोवर फिर से सक्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा, “आशा रखने का कारण है।” सोमनाथ ने ‘उम्मीद’ की वजह बताते हुए कहा कि इस मिशन में एक लैंडर और एक रोवर शामिल था।

उन्होंने बताया कि लैंडर एक विशाल संरचना है, इसलिए इसका पूरी तरह से परीक्षण नहीं किया जा सका है.लेकिन जब रोवर का परीक्षण शून्य से शून्य से 200 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान पर किया गया, तो यह इससे भी कम तापमान पर काम करता पाया गया। इसरो प्रमुख ने स्पष्ट किया कि ‘चंद्रयान-3’ मिशन का उद्देश्य पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि इसरो मिशन के माध्यम से एकत्र किए गए वैज्ञानिक डेटा का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरने के बाद लैंडर और रोवर ने कई दिनों तक वहां प्रयोग किए। चंद्रयान-3 की बदौलत भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है जो चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल रहे हैं।

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Kailash Jaiswal

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