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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यशाला 2025: भारतीय संस्कृति और स्वास्थ्य का संगम

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रायपुर | रायपुर के न्यू सर्किट हाऊस के कन्वेंशन हाल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग कार्यशाला 2025 में योग और भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपरा का जीवंत अनुभव देखने को मिला। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने योग की महत्वाकांक्षा पर जोर देते हुए कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक संतुलन, आत्मिक शांति और वैश्विक समरसता का मार्ग है।

मंत्री वर्मा ने कहा कि योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाकर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि व्यसनमुक्त और समरस समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने इस कार्यक्रम को एक “आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संगम” करार देते हुए कहा कि यह कार्यशाला आने वाली पीढ़ियों को भारतीय ज्ञान परंपरा और स्वास्थ्य के मूल्यों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।

उन्होंने आगे बताया कि योग भारतीय संस्कृति का अमूल्य उपहार है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित कर जीवन में सकारात्मकता लाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से योग को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। इस वर्ष की कार्यशाला ‘योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ’ थीम के तहत आयोजित की गई थी, जिसने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के वैश्विक संकल्प को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान किया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने योगासन, ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से स्वास्थ्य लाभों का प्रत्यक्ष अनुभव किया। विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों के साथ योग के वैज्ञानिक पहलुओं पर भी विस्तृत चर्चा की।

अंत में, मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती, जहाँ मां कौशल्या जैसी महान माताओं ने जन्म लिया, वहां से योग और संस्कृति के माध्यम से पूरे विश्व को शांति और स्वास्थ्य का संदेश देना गर्व का विषय है।

यह कार्यशाला न केवल शरीर और मन के संतुलन को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज और पर्यावरण में सामंजस्य स्थापित कर वैश्विक कल्याण की दिशा में भी योगदान करती है।

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Kailash Jaiswal

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