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इंडिगो की मुश्किलें बढ़ीं: DGCA ने काटीं 110 दैनिक फ्लाइट्स, सरकार ने दिखाया सख्त रुख

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नई दिल्ली। देश के विमानन क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से जारी अफरातफरी के बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो एयरलाइंस पर सख्त शिकंजा कस दिया है। DGCA ने एयरलाइन को तत्काल प्रभाव से अपने फ्लाइट शेड्यूल में 5 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है। इसका अर्थ यह है कि इंडिगो की रोजाना संचालित होने वाली लगभग 110 उड़ानें अब रद्द रहेंगी या उनके स्लॉट दूसरी एयरलाइंस को दिए जाएंगे। यह कदम यात्रियों की बढ़ती परेशानियों और एयरपोर्ट्स पर फैली अव्यवस्था को देखते हुए उठाया गया है।

फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट और क्रू संकट बना बड़ी वजह

DGCA का मानना है कि इंडिगो नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों, क्रू की कमी और लगातार बिगड़ते प्रबंधन के कारण सुचारू संचालन में विफल रही है। पिछले दिनों हुए भारी-भरकम फ्लाइट कैंसिलेशन से हजारों यात्री प्रभावित हुए, जिससे एयरपोर्ट्स पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली। DGCA ने साफ कहा है कि एयरलाइन तब तक कम क्षमता के साथ ही उड़ान भरे, जब तक वह पर्याप्त क्रू और स्थिर ऑपरेशन प्लान प्रस्तुत नहीं कर देती।

सूत्रों के अनुसार, कमी की जाने वाली उड़ानों की सूची तैयार की जा रही है और इंडिगो के खाली हुए स्लॉट को एयर इंडिया, अकासा एयर और स्पाइसजेट जैसी एयरलाइंस को अलॉट किया जा सकता है, ताकि प्रभावित यात्रियों को राहत मिल सके।

किराया नियंत्रण में—यात्रियों की जेब पर भी राहत

अव्यवस्था के बीच यात्रियों से मनमाने किराए वसूले जाने की शिकायतें बढ़ गई थीं। इसे देखते हुए DGCA ने हवाई किराए पर सख्त नियंत्रण का आदेश दिया है।

  • 500 किमी तक की यात्रा के लिए अधिकतम किराया ₹7,500
  • 1,000 से 1,500 किमी की यात्रा के लिए अधिकतम किराया ₹15,000
  • उधर, एयर इंडिया ने यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए घरेलू रूट्स पर वाइड-बॉडी विमान उतारने शुरू कर दिए हैं।

इंडिगो ने अपनी सफाई में खराब मौसम, तकनीकी समस्याओं और नए नियमों का हवाला देते हुए विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए समय मांगा है। हालांकि DGCA ने इस बीच एयरलाइन के रोस्टर और मैनपावर की गहन जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष टीम गठित कर दी है।

संसद से सुप्रीम कोर्ट तक गूंज—सरकार की कड़ी चेतावनी

संसद में नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार यात्रियों की परेशानी को हल्के में नहीं ले रही है। यदि जांच में इंडिगो की लापरवाही साबित होती है तो

  • जिम्मेदार अधिकारियों को 3 साल तक की जेल,
  • ₹1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना,

या दोनों ही सज़ाएं दी जा सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट के अनुसार, अब तक 5,000 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं और 6 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि एयरलाइंस की विफलता का सीधा भार आम यात्रियों पर पड़ रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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Kailash Jaiswal

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