स्वतंत्रता दिवस 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का पुलिस परेड ग्राउंड रायपुर से विशेष संदेश

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
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BBN24/15 अगस्त 2024: देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने सभी छत्तीसगढ़वासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आज हम सब स्वाधीनता का आनंद उठा रहे हैं, जो हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष और बलिदान की बदौलत हमें मिली है। इस स्वतंत्रता के लिए शहीद गेंद सिंह, धुरवा राव, यादव राव, वेंकट राव, वीर गुंडाधुर, डेबरी धुर, आयतु माहरा, और वीर नारायण सिंह जैसे महान नायकों ने अपने अदम्य साहस और त्याग से स्वाधीनता की ज्योत को प्रज्वलित किया।

मुख्यमंत्री साय ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में हुए स्वतंत्रता संग्राम की ओर इशारा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों की अनथक मेहनत के परिणामस्वरूप आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की भी सराहना की, जो आज हमारे लोकतंत्र को मार्गदर्शन प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा गुरु घासीदास द्वारा प्रस्तुत समता मूलक समाज का आदर्श, बाबा साहेब के संविधान में साकार हुआ है, जो भारत के नागरिकों को अभिव्यक्ति और समानता की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने आपातकाल के दौर में संविधान की रक्षा करने वाले लोकतंत्र सेनानियों की कृतज्ञता भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर हमें अपने लोकतंत्र सेनानियों के बलिदान को याद करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले पांच वर्षों से रुकी हुई लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को उनकी सरकार द्वारा पुनः प्रारंभ किया गया है, जिससे उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की जा सके।

यह संदेश स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय के विचारों और भावनाओं को दर्शाता है, जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष, संविधान के महत्व और लोकतंत्र की मजबूती पर आधारित है।

आज का दिन हमें उन वीर जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का भी अवसर देता है, जो छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ साहस और समर्पण के साथ संघर्ष कर रहे हैं। बीते आठ महीनों में, हमारे जवानों ने नक्सलवाद का दृढ़ता से मुकाबला करते हुए 146 नक्सलियों को मार गिराया है। इसके साथ ही, हमने 32 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, और आगामी दिनों में 29 और नए कैंप शुरू करने की योजना है। इन प्रयासों का परिणाम है कि आज बस्तर के कई क्षेत्र सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, जो हमारे जवानों की कड़ी मेहनत और पराक्रम का प्रतिफल है।

नक्सलवाद से निपटने के लिए अनुसंधान और अभियोजन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु राज्य अन्वेषण एजेंसी (एसआईए) का गठन किया गया है। बस्तर के लोग नक्सलवाद से तंग आ चुके हैं और अब वे विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

अंदरूनी क्षेत्रों में नए कैंपों के विस्तार के साथ-साथ, इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को युद्धस्तर पर सुनिश्चित करने के लिए हमने “नियद नेल्लानार” योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 17 विभागों की 53 हितग्राही मूलक योजनाओं और 28 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ कैंपों के निकट के गांवों को प्रदान किया जा रहा है। पहली बार, इन गांवों में लोगों के आयुष्मान कार्ड बने हैं और वे शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इससे उनके जीवन में सुशासन का नया अध्याय शुरू हुआ है।

इसके साथ ही, हमें अपने किसानों पर भी गर्व है, जिनके अथक श्रम से छत्तीसगढ़ का धान का कटोरा भरा-पूरा रहता है। प्रधानमंत्री मोदी जी की गारंटी के अनुरूप, हमने किसानों की सुख-समृद्धि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जन्मदिन “सुशासन दिवस” पर हमने 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस अंतरित किया। किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से धान खरीदा गया। इस साल रिकॉर्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। किसानों को समर्थन मूल्य के तहत 32 हजार करोड़ रुपए की राशि और कृषक उन्नति योजना के तहत 13 हजार 320 करोड़ रुपए अंतरित किए गए, जिससे कुल मिलाकर लगभग 49 हजार करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा किए गए हैं।

भूमिहीन किसानों के लिए भी हमने दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत 10 हजार रुपए वार्षिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। राज्य की कृषि हितैषी नीतियों की वजह से खेती-किसानी में फिर से रौनक लौट आई है, और हमारे किसानों के चेहरों पर संतोष और खुशी नजर आ रही है। आज, हमारे गांव आर्थिक रूप से संपन्न हो रहे हैं, और एक लोककल्याणकारी सरकार के लिए इससे बढ़कर संतोष की बात और कुछ नहीं हो सकती।