भारत को UNSC में शामिल न किया गया, तो UN होगा कमजोर: विदेश राष्ट्रपति की चेतावनी

हेलसिंकी। फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की पुरजोर मांग करते हुए भारत की स्थायी सदस्यता का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि भारत जैसे प्रभावशाली और जिम्मेदार राष्ट्र को परिषद में शामिल नहीं किया गया, तो संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता धीरे-धीरे कमजोर होती जाएगी।
राष्ट्रपति स्टब ने कहा, “भारत वैश्विक स्थिरता और विकास का स्तंभ है। अगर इतना बड़ा लोकतंत्र और आर्थिक शक्ति UNSC से बाहर रहेगा, तो यह संस्था अधूरी रहेगी।” उन्होंने भारत के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की रणनीतिक दृष्टि ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत और सम्मानित आवाज बनाया है।
स्टब ने भारत को आने वाली “सुपरपॉवर तिकड़ी” — अमेरिका, चीन और भारत — का हिस्सा बताते हुए कहा, “मैं भारत का गहरा प्रशंसक हूं। आने वाले वर्षों में भारत न केवल आर्थिक रूप से, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी दुनिया के समीकरण बदल देगा।”
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल विस्तार की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि सदस्य देशों की संख्या दोगुनी की जानी चाहिए। उनके अनुसार, एशिया से दो, अफ्रीका से दो और लैटिन अमेरिका से एक नया स्थायी सदस्य जोड़ा जाना चाहिए। “यह एक गंभीर त्रुटि है कि भारत जैसे देश को अब तक इसमें शामिल नहीं किया गया,” उन्होंने स्पष्ट कहा।
स्टब ने जोर देकर कहा, “अगर भारत जैसे प्रमुख खिलाड़ी को इस वैश्विक व्यवस्था का हिस्सा महसूस नहीं कराया गया, तो यह संस्थान अंदर से खोखला हो जाएगा।”
फिनलैंड के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश भारत को वैश्विक साझेदार के रूप में देखता है और अंतरराष्ट्रीय तंत्र में भारत की भागीदारी को “दुनिया के हित” में मानता है। उन्होंने कहा, “बहुपक्षवाद तभी जीवित रह सकता है, जब भारत जैसी शक्तियां सिस्टम के भीतर से उसे सशक्त बनाएं।”



