गंदा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा तो शरीर पर बढ़ सकता है बड़ा खतरा; दिल, दिमाग, लिवर और हार्मोन पर पड़ता है गहरा असर

हेल्थ डेस्क। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) बढ़ने पर यह चुपचाप धमनियों में जमा होकर प्लाक बनाता है, जिससे नसें संकरी होने लगती हैं। इसी कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और लिवर संबंधी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ा हुआ LDL न केवल दिल और दिमाग को प्रभावित करता है, बल्कि शरीर के लगभग हर हिस्से पर नकारात्मक असर छोड़ता है।
दिल पर सबसे बड़ा खतरा
LDL बढ़ने पर यह धीरे-धीरे धमनियों की दीवारों पर जम जाता है। समय के साथ प्लाक बनने से खून का बहाव बाधित होता है। दिल तक रक्त की कमी होने पर सीने में दर्द (एंजाइना) शुरू होता है। यदि प्लाक टूट जाए और थक्का बन जाए, तो यह धमनियों को पूरी तरह ब्लॉक कर हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
दिमाग की नसें ब्लॉक होने पर स्ट्रोक
विशेषज्ञ बताते हैं कि LDL दिमाग की नसों में भी प्लाक जमाता है। खून की सप्लाई रुकने पर इस्केमिक स्ट्रोक हो सकता है, जिसमें शरीर का आधा हिस्सा निष्क्रिय हो सकता है। बोलने, चलने-फिरने और संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। समय पर इलाज न मिले तो यह स्थिति जीवनभर की विकलांगता या मृत्यु का कारण बन सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाए LDL
जब धमनियां सख्त हो जाती हैं, तो हार्ट को खून पंप करने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। इसी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। लंबे समय तक हाई BP रहने पर दिल और किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और स्ट्रोक की आशंका बढ़ती है।
लिवर पर असर: फैटी लिवर का खतरा
अधिक LDL लिवर में चर्बी जमाता है, जिसे फैटी लिवर कहा जाता है। यह लिवर को कमजोर कर देता है और पाचन प्रणाली को प्रभावित करता है। गंभीर स्थिति में यह सिरोसिस और लिवर फेलियर तक पहुंच सकता है।
डायबिटीज़ मरीजों के लिए दोगुना खतरा
शुगर बढ़ने पर धमनियां पहले ही कमजोर होती हैं, ऐसे में LDL बढ़ने से ब्लॉकेज तेजी से होते हैं। डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैरों में ब्लड फ्लो कम होने की समस्याएं अधिक देखी जाती हैं। घाव भरने में देरी और डायबिटिक फुट का खतरा भी बढ़ जाता है।
मोटापा और मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़ाव
पेट की चर्बी LDL को बढ़ाती है और शरीर में सूजन पैदा करती है। इससे इंसुलिन की कार्यक्षमता कम होती है और मेटाबॉलिक सिंड्रोम की स्थिति बनती है, जिसमें दिल की बीमारियों का जोखिम अत्यधिक बढ़ जाता है।
रक्तवाहिनियों को नुकसान
LDL नसों की भीतरी परत को नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण नसें कठोर और कमजोर होने लगती हैं। इससे पैरों में दर्द, झुनझुनी और चलने में दिक्कत आती है। यह परिधीय धमनी रोग (PAD) का रूप ले सकता है और इलाज में लापरवाही होने पर गैंग्रीन तक विकसित हो सकता है।
इम्युनिटी और सूजन पर भी असर
बढ़ा हुआ LDL शरीर में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन पैदा करता है, जिससे इम्युनिटी कमजोर पड़ती है। इससे बार-बार संक्रमण, जोड़ों में दर्द, त्वचा संबंधी दिक्कतें, थकान और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
हार्मोनल संतुलन बिगाड़ सकता है LDL
LDL बढ़ने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन भी देखा जाता है। महिलाओं में पीरियड अनियमितता और PCOS का जोखिम बढ़ जाता है, वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो सकता है। थायरॉयड, प्रजनन क्षमता और हड्डियों पर भी प्रभाव पड़ता है।

गंदा कोलेस्ट्रॉल कैसे घटाएं? विशेषज्ञों की सलाह
फाइबर युक्त भोजन
ओट्स, दलिया, जई, सेब, नाशपाती, मसूर दाल, चिया सीड और अलसी को आहार में शामिल करें। ये कोलेस्ट्रॉल को आंतों से सोखकर बाहर निकालने में मदद करते हैं।
हेल्दी फैट्स
अखरोट, बादाम, एवोकाडो, जैतून का तेल और अलसी का तेल LDL घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में सहायक हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
सैल्मन मछली, अखरोट, चिया सीड्स और फ्लैक्ससीड्स हृदय की सुरक्षा करते हैं और ट्राइग्लिसराइड कम करते हैं।
लहसुन का सेवन
खाली पेट 1–2 कली लहसुन खाना LDL कम करने और रक्त को साफ रखने में लाभदायक माना जाता है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैटेचिन LDL को कम करने में मदद करता है।
साबुत अनाज
- ब्राउन राइस, जौ, रागी, क्विनोआ और साबुत गेहूं हृदय-स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।
- विटामिन C वाले पदार्थ
- नींबू, संतरा, आंवला और अमरूद कोलेस्ट्रॉल जमने से रोकते हैं।
- टमाटर
- सलाद या जूस के रूप में टमाटर का सेवन लाइकोपीन की वजह से LDL कम करता है।
इन चीजों से दूरी रखें
तला हुआ भोजन, फास्ट फूड, रेड मीट, ज्यादा चीनी, बेकरी प्रोडक्ट्स और पैकेज्ड स्नैक्स का सेवन LDL बढ़ाता है और हृदय पर बुरा असर डालता है।



