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इकोनॉमी की ऐतिहासिक छलांग: भारत ने रचा 30 साल का वेल्थ क्रिएशन रिकॉर्ड

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नई दिल्ली: भारत ने पिछले पांच वर्षों में वेल्थ क्रिएशन के मामले में 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वर्ष 2020 से 2025 के बीच देश की शीर्ष 100 कंपनियों का कुल मार्केट कैप 148 लाख करोड़ रुपए बढ़ा, जो कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक सुधार और तेजी का परिणाम है। यह आंकड़ा मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक संपत्ति बनाने वाले सेक्टर में वित्तीय कंपनियां (बैंक और बीमा) शामिल हैं। इसके बाद उद्योग, टेक्नोलॉजी और यूटिलिटी (सार्वजनिक सेवाएं) सेक्टर ने भी तेज उछाल दिखाया है। सरकारी कंपनियों (PSU) ने रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। इस दौरान बीएसई और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (HAL) ने सबसे ज्यादा वेल्थ क्रिएट किया।

MOFSL के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल ने कहा, “भारत अब तेजी से संपत्ति निर्माण के दौर में प्रवेश कर चुका है। जैसे-जैसे हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर से 16 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ेगी, निवेशकों के लिए बड़े अवसर बनेंगे। दीर्घकालिक संपत्ति वही बनाएंगे जो सही कंपनियों में निवेश करेंगे।”

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की GDP पिछले 17 वर्षों में 1 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है और अगले 17 वर्षों में यह चार गुना बढ़ने की संभावना है। इस एमटीडी (मल्टी-ट्रिलियन डॉलर) युग में वित्तीय और उपभोक्ता वस्तुओं (जैसे वाहन, स्मार्टफोन, रोजमर्रा की चीज़ें) वाले सेक्टर तेजी से आगे बढ़ेंगे। इसके अलावा, इस अवधि में कई ग्रोथ स्टॉक्स (Compound Stocks) उभर सकते हैं और बड़ी कंपनियां (Large Cap) भविष्य में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे सही कंपनियों और सेक्टरों का चयन करें।

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Kailash Jaiswal

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