गुटखा कारोबार में करोड़ों की कर चोरी का भंडाफोड़, सितार ब्रांड निर्माता गुरूमुख जुमनानी गिरफ्तार

रायपुर। राज्य कर (जीएसटी) विभाग ने गुटखा कारोबार में बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए सितार ब्रांड गुटखा निर्माता गुरूमुख जुमनानी को गिरफ्तार कर लिया। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि जुमनानी पिछले चार वर्षों से बिना जीएसटी पंजीयन के गुटखा निर्माण कर करोड़ों रुपये का कर अपवंचन कर रहा था।
जीएसटी विभाग ने 25 और 27 जून 2025 को दुर्ग और राजनांदगांव में की गई जांच के दौरान इस अवैध कारोबार का पता लगाया। जांच से सामने आया कि वर्ष 2021 से लगातार सितार गुटखे का अवैध उत्पादन किया जा रहा था। समन जारी होने के बावजूद जुमनानी दो माह तक उपस्थित नहीं हुआ।
जांच में पाया गया कि अप्रैल 2021 से सितम्बर 2022 तक राजनांदगांव के ग्राम मनकी और खैरागढ़ के ग्राम ठेलकाडीह, जनवरी 2023 से जून 2023 तक रायपुर के मंदिर हसौद व भनपुरी, और जुलाई 2023 से जून 2025 तक दुर्ग के बाईरडीह, जोरातराई और गनियारी क्षेत्र में फैक्ट्रियां चल रही थीं। छापों से बचने के लिए हर महीने फैक्ट्री का स्थान बदला जाता और माल को अलग-अलग नामों से गोदामों में छिपाकर बाजार में बेचा जाता था।
जुमनानी ने अपने बेटे सागर जुमनानी के नाम से “कोमल फूड” नामक सुपारी गोदाम दुर्ग में संचालित किया, जहां सुपारी को गुटखे में बदलकर बेचा जाता जबकि कागजों में केवल सुपारी बिक्री दिखाई जाती थी। गुटखे पर 28% जीएसटी और 204% तक सेस लागू होता है, जबकि सुपारी पर केवल 5% जीएसटी है। इस हेराफेरी से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
पूर्व में मार्च 2024 में विभाग ने दुर्ग और राजनांदगांव में छापेमारी कर 50 लाख रुपये टैक्स वसूला था और खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 1.5 करोड़ रुपये की सुपारी जब्त की थी। जांच में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री में मध्यप्रदेश के युवकों से बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी, उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी और हर तीन माह में मजदूरों को बदला जाता था।
राज्य कर विभाग ने 23 सितम्बर 2025 को जुमनानी को जीएसटी अधिनियम की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार वह प्रतिदिन लगभग 25 लाख रुपये मूल्य का गुटखा तैयार कर बेच रहा था