छत्तीसगढ़

शिक्षकों की नई नियुक्ति नहीं करना चाहती सरकार: विधायक इन्द्र साव

स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती का आदेश तत्काल वापस ले सरकार

भाटापारा राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में शिक्षकों की न्यूनतम संख्या में कटौती और नए सेटअप के तहत युक्तियुक्तकरण लागू करने के फैसले पर विधायक इन्द्र साव ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “शिक्षा के अधिकारों का सीधा उल्लंघन” बताया है और आरोप लगाया कि सरकार निजी शिक्षण संस्थानों को लाभ पहुंचाने तथा सरकारी शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने का षड्यंत्र कर रही है।

इन्द्र साव ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 5484 स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, जबकि 297 स्कूलों में कोई शिक्षक ही नहीं है। पिछले डेढ़ साल में एक भी नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। विधानसभा में 33,000 शिक्षकों की भर्ती की घोषणा भी जानबूझकर रोक दी गई। अब युक्तियुक्तकरण और नए सेटअप के नाम पर हजारों स्कूलों को बंद कर शिक्षकों के पद समाप्त किए जा रहे हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक निर्णय है।

उन्होंने मांग की कि सरकार पहले शिक्षकों को प्रमोशन दे, स्थानांतरण नीति तय करे और लंबित वेतनमान विवाद को सुलझाए, उसके बाद ही युक्तियुक्तकरण पर विचार करे। स्कूलों में शिक्षकों की न्यूनतम पदों में कटौती का आदेश तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो इससे हजारों रसोईया, स्लीपर, मध्यान्ह भोजन तैयार करने वाली महिलाएं और स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा।

विधायक साव ने आगे कहा कि नए नियमों से प्राथमिक, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर नई भर्तियों के अवसर खत्म हो जाएंगे, जिससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होंगे और शिक्षा का स्तर भी गिर जाएगा। उन्होंने इसे अधिनायकवादी निर्णय बताते हुए कहा कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले प्रभावित पक्षों से कोई रायशुमारी नहीं की गई।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शिक्षकों से जुड़े मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया, तो व्यापक जनआंदोलन होगा।

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Kailash Jaiswal

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