फर्जी दस्तावेज और कब्जा करने की साजिश, मृत महिला को जिंदा बताकर रजिस्ट्री कराने वाले सात आरोपी पर FIR दर्ज

रायपुर। सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक जमीन जालसाजी और धमकी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि मृत महिला को जिंदा दिखाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और प्लॉट मालिकों को धमकाया गया। रिटायर्ड शिक्षक देवनाथ देवागन की शिकायत पर पुलिस ने होटल कारोबारी गुरुचरण सिंह होरा, बीजेपी तेलीबांधा मंडल अध्यक्ष दलविंदर सिंह बेदी और उनके छह सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी के तहत मामला दर्ज किया है।
एफआईआर के अनुसार मृत महिला चमारिन बाई का मृत्यु प्रमाणपत्र 1980 का था, लेकिन आरोपियों ने 1999 में फर्जी महिला को मुख्तियार बनाकर रजिस्ट्री करवा ली। इसके आधार पर कई प्लॉटों की बिक्री की गई और असली मालिकों को अपने प्लॉट पर निर्माण से रोका गया।
शिकायत में कहा गया है कि गुरुचरण सिंह होरा, उनके रिश्तेदार रंजीत, मंजीत, इंदरपाल, हरपाल, अविनाश सिंह और दलविंदर सिंह बेदी ने मिलकर यह साजिश रची। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 506 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया है।
पीड़ित पक्ष का कहना है कि न्यायालय पहले ही इन रजिस्ट्री दस्तावेजों को अवैध घोषित कर चुका है, लेकिन आरोपी लगातार कब्जा करने और निर्माण रोकने की धमकी देते रहे। जब भू-स्वामियों ने निर्माण शुरू किया, तो आरोपी गिरोह ने पथराव किया और निर्माण सामग्री फेंककर धमकाया कि “यह जमीन गुरुचरण भैया की है।”
इस मामले में आरोपीयों के पुराने फर्जीवाड़े के आरोप भी सामने आए हैं। पुलिस अब फर्जी दस्तावेज, धमकी और कब्जा प्रयासों की पूरी जांच कर रही है। रायपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ कर दी है और सभी आरोपियों की पहचान कर उनके फर्जीवाड़े के सभी पहलुओं को उजागर करने में जुटी है, ताकि पीड़ितों को न्याय और उनकी संपत्ति पर अधिकार सुनिश्चित किया जा सके।