अवैध प्लाटिंग करने वालों की खैर नहीं: जानकारी मिलते ही तुरंत होगी एफआईआर, निर्माण होगा ध्वस्त


रायपुर| अब छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में अवैध प्लाटिंग करने वालों की खैर नहीं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के सभी नगरीय निकायों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश के मुताबिक, जैसे ही अवैध प्लाटिंग की जानकारी मिलेगी, संबंधित व्यक्ति के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाएगी और अगर कोई निर्माण किया गया है तो उसे भी तत्काल ध्वस्त किया जाएगा।
अधिकारियों पर भी गिरेगी गाज
सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर किसी अधिकारी ने ऐसे अवैध प्लॉट पर भवन का नक्शा पास किया या बिजली-पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराईं, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 और नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत सख्त प्रावधानों के अनुसार कदम उठाए जाएंगे।
जब्त होगी निर्माण सामग्री
अवैध प्लाटिंग पर बने सड़कों, प्लींथ और अन्य निर्माण ढांचों को नियमों के तहत तोड़कर निर्माण सामग्री भी जब्त की जाएगी। इसके साथ ही राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और नगर एवं ग्राम निवेश विभाग को भी हर मामले की जानकारी देने के निर्देश हैं।
सभी नगर निगम, पालिकाएं और पंचायतों को निर्देश
राज्य सरकार ने ये आदेश सभी नगर निगम आयुक्तों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के मुख्य नगर अधिकारियों (CMO) को भेजा है। सरकार का कहना है कि इन क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियों के निर्माण की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन अब हर मामले में तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कालोनाइज़र के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
इसके अलावा, जो लोग खुद की या किसी अन्य की जमीन को प्लॉट्स में बांटकर कॉलोनी विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में छत्तीसगढ़ कॉलोनाइज़र रजिस्ट्रेशन नियम, 2013 के तहत कदम उठाने को कहा गया है।