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Dos and Donts on Diwali Puja: इस वर्ष दिवाली (Diwali 2023) 12 नवंबर यानी रविवार के दिन पूरे देश भर में धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाएगा. दिवाली का त्योहार यानी रोशनी का त्योहार, खुशियों का त्योहार.दीपावली का इंतजार हर किसी को बेसब्री से होता है. दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, दीपावली का दिन बहुत शुभ होता है. इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है. लोग विधि-विधान से इनकी पूजा-आराधना करते हैं. दिवाली पर नियमानुसार पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा दृष्टि सदा आपके ऊपर बनाए रखती हैं. घर में सुख-समृद्धि आती है, धन-दौलत की कमी नहीं होती है.हालांकि, ये तभी संभव है, जब आप दिवाली पूजा के समय कुछ गलतियां करने से बचें. लोग जानकारी के अभाव में दीपावली पूजा के दौरान छोटी-मोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें पूजा का उचित फल प्राप्त नहीं होता है. ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि दिवाली पूजा के समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
दिवाली पूजा में क्या करें, क्या ना करें
– ज्योतिष एवं वास्तुविद (आगरा) प्रमोद कुमार अग्रवाल कहते हैं कि दिवाली के दिन पूजा करने का विशेष महत्व है. ऐसे में पूजा स्थल और घर की साफ-सफाई करना बहुत जरूरी है. मान्यता है कि लक्ष्मी जी उसी घर में प्रवेश करती हैं, जहां साफ-सफाई हो. ऐसे में पूजा के दिन घर और पूजा स्थल जरूर साफ हो.
– पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी, भगवान गणेश की मूर्ति का मुख पूर्व दिशा में हो और पूजा करने वाला अपना पीठ उत्तर की तरफ करके बैठे. पूजा में चांदी के सिक्के, कमल का फूल आदि जरूर रखें. इससे घर में खुशियां, सुख-समृद्धि, सौभाग्य आता है.
– दिवाली के दिन घर में कोई भी पुराना और कबाड़ सामान ना रखें. ये अशुभ होता है. खराब घड़ी, टूटे बोतल, शीशा, फटे-पुराने कपड़े, अन्य कबाड़ के समान जिन्हें आप सालों से इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें दिवाली के दिन घर से जरूर निकाल दें.
– दिवाली के दिन कुछ भी ऐसा ना बनाएं जिससे मां लक्ष्मी नाराज हों. खानपान का भी खास ध्यान रखना चाहिए. भूलकर भी दीपावली के दिन मांस-मछली, शराब आदि का सेवन ना करें.
– आप दिवाली की रात पूजा के समय भूलकर भी फटे-पुराने कपड़े ना पहने. यदि आप ऐसा करते हैं तो तुरंत बदल दें. दरअसल, फटे हुए कपड़े दरिद्रता की निशानी माने गए हैं. पुराने, फटे हुए कपड़ों को पहनना अशुभ होता है. पूजा के समय रंगों का भी ध्यान रखें, इस रात काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए.
– दिवाली के दिन कोशिश करें कि अपने घर में ही रहें. पूजा करने के बाद कहीं भी ताला लगाकर बाहर ना जाएं. पूजा के समय पूरे घर को रोशनी, दीपक से जगमग कर दें. किसी भी कोने में अंधेरा ना रहे. घर की सारी खिड़कियों, दरवाजों को खोलकर रखें ताकि लक्ष्मी जी का प्रवेश हो सके. घर बंद करके थोड़ी देर के लिए रिश्तेदारों या पड़ोसियों के यहां दिवाली की बधाई देने के लिए जाना भी हो तो घर में लाइट्स जलते रहने दें, अंधेरा ना करें. रात में भी लाइट बंद ना करें.
– दिवाली के दिन देर तक ना सोते रहें, ऐसा करना अशुभ होता है. इस दिन नाखून काटने, शेविंग करने से भी बचना चाहिए. एक दिन पहले ही ये सभी कार्य कर लें.
– पूजा के लिए गणेश भगवान की मूर्ति खड़ी मुद्रा में नहीं, बल्कि बैठी हुई मुद्रा में ही हो. सूंड दायीं तरफ न हो, इसका भी ध्यान रखें. पूजा में लाल रंग के फूल इस्तेमाल करें. दिवाली की पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा से करें.
– दिवाली में पूजा करते समय ना तो जोर से ताली बजाएं और ना ही ऊंची आवाज में आरती गाएं. मान्यता है कि लक्ष्मी मां को अधिक शोर-शराबा पसंद नहीं है. इससे वे रुष्ट हो सकती हैं. विष्णु जी के बिना लक्ष्मी मां की पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में उनकी पूजा अकेले ना करें.
– पूजा करने के बाद पूजा स्थल को खाली या अंधेरा करके ना छोड़ें. यहां रात भर दीपक जलता रहे, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में दीपक में तेल, घी का इस्तेमाल करें. कोशिश करें कि पूजा के लिए दीपक थोड़े बड़े हों.