दिव्य कला मेला: दिव्यांगजनों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान का सशक्त माध्यम – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

17वें ‘दिव्य कला मेला’ का शुभारंभ किया
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BBN24/17 अगस्त 2024: रायपुर के शंकर नगर स्थित बीटीआई मैदान में आज केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 17वें ‘दिव्य कला मेला’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने दिव्यांगजनों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों को पहले कई अलग-अलग नामों से जाना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें ‘दिव्यांगजन’ का सम्मानजनक नाम दिया।

उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया गया है। इसके साथ ही, शासकीय नौकरियों में आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत और शासकीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए आरक्षण को 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने घोषणा की कि रायपुर में दिव्यांगजन पार्क का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए मुख्यमंत्री साय ने 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का वादा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि दिव्य कला मेला 16 से 22 अगस्त तक आयोजित होना था, लेकिन इसे बढ़ाकर 23 अगस्त तक किया गया है। इस मेले में दिव्यांगजन उद्यमियों और कलाकारों के लिए नि:शुल्क आवास, यात्रा और स्टॉल की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) दिव्यांगजनों को व्यवसाय के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है, और उन्हें नि:शुल्क कृत्रिम अंग भी प्रदान किए जाते हैं।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि दिव्य कला मेला दिव्यांगजनों की रचनात्मकता, कौशल और सृजनशीलता को एक मंच प्रदान करता है, जिससे वे अपने उत्पादों को देश-विदेश में प्रदर्शित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मेले के माध्यम से दिव्यांगजन न केवल अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि अपने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने रायपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में भी इस प्रकार के मेले आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस आयोजन को छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया और कहा कि 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आए दिव्यांग उद्यमी और कलाकार अपने उत्पादों के साथ इस मेले में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं। समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार आयोजित हो रहे दिव्य कला मेले के माध्यम से राज्य के दिव्यांगजन अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

इस अवसर पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री से छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजन पार्क के निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को सहानुभूति की नहीं, बल्कि प्रोत्साहन की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान आकांक्षा इंस्टिट्यूट के दिव्यांग विद्यार्थियों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया गया। साथ ही, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने 4 दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्रायसाइकिल, एक दिव्यांग को ट्रायसाइकिल, और 11 दिव्यांग हितग्राहियों को व्यवसाय हेतु ऋण प्रदान किए।

मंत्री द्वय ने मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों का दौरा किया, जहां देशभर के दिव्यांग उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए हस्तशिल्प, हथकरघा, राखियां, पैकेज्ड फूड, गृह सज्जा और जीवन शैली से संबंधित वस्त्र, स्टेशनरी, ऑर्गेनिक उत्पाद, खिलौने, पेंटिंग्स और अन्य वस्त्र प्रदर्शित और विक्रय के लिए उपलब्ध थे। इस मेले का आयोजन भारत सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और एनडीएफडीसी द्वारा किया गया है।

कार्यक्रम में समाज कल्याण मंत्रालय के डीडीजी श्री किशोर बाबूराव सुरवाडे ने स्वागत भाषण दिया, जबकि एनडीएफडीसी के सीएमडी श्री नवीन शाह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में विधायक  मोतीलाल साहू,  पुरंदर मिश्रा, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दिव्यांगजन, विभिन्न संस्थाओं के विद्यार्थी और बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।