‘मोदी की गारंटी’ के तहत 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की मांग

बीजापुर | जिला कांग्रेस कमेटी बीजापुर ने जिले के किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर बीजापुर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान उपार्जन को लेकर जारी आदेशों पर आपत्ति जताते हुए प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की मांग की गई है। कांग्रेस ने बताया कि शासन द्वारा घोषित व्यवस्था के अनुसार किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जाना है, लेकिन बीजापुर जिले में इसका पालन नहीं हो रहा।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि कलेक्टर ,खाद्य शाखा बीजापुर के पत्र दिनांक 6 दिसंबर 2025 एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भोपालपटनम के आदेश के माध्यम से धान उपार्जन केंद्रों में एक टोकन पर प्रति एकड़ अधिकतम 15 क्विंटल धान खरीदी का निर्देश जारी किया गया है। कांग्रेस ने इन आदेशों पर तत्काल रोक लगाकर पूर्व की तरह 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के आदेश जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही पार्टी ने धान उपार्जन केंद्रों में प्रतिदिन खरीदी की सीमा कम से कम 5000 क्विंटल निर्धारित करने की मांग की, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
ज्ञापन में यह मुद्दा भी उठाया गया कि जिले में सात हजार से अधिक वनभूमि पट्टाधारी किसान हैं, जिनका ‘एग्रीस्टेक’ के नाम पर खाद्य विभाग द्वारा पंजीयन नहीं किया जा रहा है। इसके कारण ये किसान धान उपार्जन केंद्रों में अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं। कांग्रेस ने अन्य किसानों की तरह वनभूमि पट्टाधारी किसानों का भी एग्रीस्टेक कर धान खरीदी सुनिश्चित करने की मांग की। कांग्रेस ने गिरदावरी के नाम पर किसानों के कृषि रकबे को कम किए जाने पर भी आपत्ति जताई और इसे पूर्ववत रखने की मांग की।
साथ ही पुराने बारदाने की भारी कमी का मुद्दा उठाते हुए इसे शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की गई, ताकि किसानों को धान बेचने में किसी तरह की दिक्कत न हो। ज्ञापन सौंपने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लालू राठौर ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन सरकार होने के बावजूद ‘मोदी की गारंटी’ के तहत किए गए वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री जितेंद्र हेमला सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।



