दिल्ली में कांग्रेस का ‘क्लीन स्वीप’, लेकिन उल्टा – तीसरी बार नहीं खुला खाता!

दिल्ली में कांग्रेस का 'क्लीन स्वीप', लेकिन उल्टा – तीसरी बार नहीं खुला खाता!
Share this

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। लगातार तीसरी बार पार्टी अपना खाता खोलने में नाकाम रही, जबकि 67 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। हालांकि, कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना में 2 प्रतिशत से अधिक वोट बढ़ोतरी दर्ज की और इस बार उसे 6.4 प्रतिशत वोट मिले।

सिर्फ तीन सीटों पर बची जमानत

कांग्रेस के केवल तीन उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में सफल रहे। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव को 40,000 से अधिक वोट और 27 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे।

कस्तूरबा नगर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक दत्त दूसरे स्थान पर रहे। उन्हें 27,019 वोट मिले, लेकिन भाजपा के नीरज बसोया से 11,000 से अधिक मतों से हार गए।

नांगलोई जाट सीट से कांग्रेस के रोहित चौधरी को 31,918 वोट और 20.1 प्रतिशत मत मिले, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे।

शीर्ष नेता भी हार गए

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा। संदीप दीक्षित, अलका लांबा, कृष्णा तीरथ, हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया, मुदित अग्रवाल और राजेश लिलोठिया अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।

  • नई दिल्ली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देने उतरे संदीप दीक्षित महज 4,568 वोट ही हासिल कर पाए और तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 4,089 वोटों से हराया।
  • कालकाजी सीट पर मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ उतरीं अलका लांबा को सिर्फ 4,392 वोट मिले।
  • पटेल नगर सीट से चुनाव लड़ीं कृष्णा तीरथ महज 4,654 वोटों पर सिमट गईं।

2013 से लगातार गिरावट में कांग्रेस

कभी दिल्ली की राजनीति पर राज करने वाली कांग्रेस के लिए यह लगातार तीसरा चुनाव है जिसमें उसे एक भी सीट नहीं मिली। 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित के नेतृत्व में सत्ता में रहने वाली कांग्रेस का 2013 से पतन शुरू हुआ।

1998 में कांग्रेस ने 52 सीटें, 2003 में 47 और 2008 में 43 सीटें जीती थीं। लेकिन 2013 में यह आंकड़ा घटकर 8 हो गया और 2015 से अब तक कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी है।

2030 में वापसी का दावा

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर कहा कि पार्टी को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन वोट शेयर में वृद्धि हुई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 2030 में दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी।