छत्तीसगढ़ को मिला राष्ट्रीय गौरव: आदि कर्मयोगी अभियान और पीएम जनमन योजना में सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित

रायपुर | छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली और नवाचारों से देशभर में गौरव अर्जित किया है। ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ और ‘प्रधानमंत्री जनमन योजना’ के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य को आज भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य” घोषित किया गया। राजधानी नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया।
राज्य सरकार और जनजातीय विकास विभाग की ओर से यह पुरस्कार विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने राष्ट्रपति के करकमलों से ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में चल रहे धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना के तहत जनजातीय समुदाय, विशेषकर पिछड़ी जनजातियों के सशक्तिकरण के लिए किए गए नवाचारों की विस्तृत प्रस्तुति दी। वहीं मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी की कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने जिले में जनजातीय विकास की दिशा में किए जा रहे कार्यों का विवरण साझा किया।
कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओराम, राज्य मंत्री दुर्गा दास उइके और जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर सहित देशभर के अधिकारी और प्रतिनिधि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस उपलब्धि पर जनजातीय विकास विभाग और फील्ड टीमों को बधाई देते हुए कहा — “यह सम्मान उन सभी कर्मयोगियों के समर्पण का परिणाम है, जिन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान को अपनी प्राथमिकता बनाया।”
कार्यक्रम में धमतरी और कोरिया जिलों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही, विभाग के स्टेट ट्रेनर ललित शुक्ला को व्यक्तिगत श्रेणी में पुरस्कार मिला। ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत मोहला-मानपुर, बालोद, दंतेवाड़ा और धमतरी जिलों को “स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड” से सम्मानित किया गया — जो इस बात का प्रमाण है कि राज्य के हर कोने में जनजातीय सेवा और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभावी रूप से लागू किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा, कोरिया कलेक्टर चंदन संजय त्रिपाठी, बालोद कलेक्टर दिव्या मिश्रा और दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत भी उपस्थित रहे।
आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने विभाग को बधाई देते हुए कहा — “मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में जनजातीय कल्याण योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफलता के साथ लागू किया गया है। यह पुरस्कार हमारे सभी अधिकारियों और फील्ड कर्मियों की मेहनत का सम्मान है।”
हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जनजातीय शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और प्रशिक्षण के क्षेत्र में कई अभिनव पहल की हैं। जहां ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ ने प्रशासनिक क्षमता को नई दिशा दी है, वहीं ‘पीएम जनमन योजना’ ने आदिवासी समाज के जीवन स्तर को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से जनजातीय कल्याण विभागों के अधिकारी, परियोजना निदेशक, विकास सहयोगी संस्थाएं और आदिवासी प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए — जिन्होंने छत्तीसगढ़ के इस उपलब्धिपूर्ण मॉडल की सराहना की।