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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को शुरू हुए आज 9 साल पूरे हो गए। अब तक 21.95 करोड़ किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल चुका है, जबकि 1.72 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया जा चुका है।
सरकार ने योजना की सफलता को देखते हुए 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट के साथ इसे 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 72.61 करोड़ से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, और गैर-ऋणी किसानों की भागीदारी 55% तक पहुंच गई है।
तकनीकी नवाचार से बढ़ी पारदर्शिता
फसल नुकसान के आकलन के लिए ड्रोन, उपग्रह इमेजरी, और रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिससे दावों के समय पर निपटारे में मदद मिल रही है। खरीफ 2023 से येस-टैक (YES-Tech) प्रणाली लागू की गई, जिससे मैन्युअल उपज अनुमान पर निर्भरता कम हो रही है।
किफायती प्रीमियम और व्यापक कवरेज
- खरीफ फसलों के लिए किसानों को अधिकतम 2% प्रीमियम देना होता है, रबी फसलों के लिए 1.5%, और बागवानी फसलों के लिए 5%।
- योजना के तहत सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, कीट हमले और अन्य आपदाओं से हुए नुकसान पर बीमा कवरेज दिया जाता है।
- सरकार ने फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक की सुरक्षा का प्रावधान भी किया है।
राज्यों ने किसानों को दी राहत
कुछ राज्यों ने किसानों के हिस्से के प्रीमियम को माफ कर दिया है, जिससे किसानों को और अधिक लाभ मिल रहा है।
सरकार का दावा है कि पिछले नौ सालों में PMFBY भारतीय कृषि की सुरक्षा ढाल बन गई है और किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान से बचाने में अहम भूमिका निभा रही है। अधिक जानकारी के लिए किसान