राष्ट्रीय जनगणना 2027 के लिए केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी, दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित जनगणना‑2027 को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह भारत की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी, जिसे इस बार दो चरणों में संपन्न कराया जाएगा। जनगणना की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और इसमें जातिगत आंकड़ों का संकलन पहली बार किया जाएगा।
दो चरणों में होगी जनगणना
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पहले चरण की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से बर्फीले क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में की जाएगी। वहीं, दूसरे चरण की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 तय की गई है, जिस दिन सुबह 00:00 बजे की स्थिति को आधार मानकर जनगणना पूर्ण की जाएगी।
1931 के बाद पहली बार होगी जातिगत गणना
इस जनगणना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि 1931 के बाद पहली बार देश में जातिगत आंकड़े एकत्र किए जाएंगे। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अन्य जातियों की पहचान के लिए अलग से कॉलम जोड़े जाएंगे। इससे सामाजिक कल्याण योजनाओं को अधिक सटीकता से लागू करने में मदद मिलेगी।
भारत की पहली डिजिटल जनगणना
जनगणना‑2027 को पूर्णत: डिजिटल तरीके से संचालित किया जाएगा। गणनाकर्मी मोबाइल ऐप्स के माध्यम से आंकड़े एकत्र करेंगे और स्वयं गणना (Self Enumeration) की सुविधा भी नागरिकों को उपलब्ध कराई जाएगी। अनुमान है कि इस कार्य में लगभग 34 लाख गणनाकार और 1.3 लाख पर्यवेक्षक अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
समयसीमा और गोपनीयता की प्राथमिकता
सरकार का लक्ष्य है कि प्राथमिक जनसंख्या आंकड़े मार्च 2027 तक तैयार कर लिए जाएं, जबकि विस्तृत रिपोर्ट दिसंबर 2027 तक सार्वजनिक की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए डेटा सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया है।
नीति और राजनीति पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जातिगत आंकड़े सामने आने से महिला आरक्षण विधेयक, विधायक परिसीमन, और कल्याण योजनाओं के पुनर्गठन जैसे अहम निर्णयों को नई दिशा मिलेगी। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में राजनीतिक दल पहले से ही OBC और वंचित समुदायों को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।