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बिलासपुर 19 नवम्बर 2022: बिहार से युवक का कार सवारों ने अपहरण कर चाकू मारा और बिलासपुर के जंगल में लाकर फेंक दिया। होश आने पर वह किसी तरह जंगल से बाहर निकला और फोन कर परिजनों को जानकारी दी। घायल युवक को सिम्स में भर्ती कराया गया है। उसकी जेब से 3 हजार रुपए गायब थे। अपहरणकर्ता मोबाइल नहीं ले गए। अपहरण के कारणों का पता नहीं चला है। बिहार के मुज्जफरपुर निवासी समीर खान पिता मोहम्मद फिरोज (17) का मुजफ्फरपुर में ही टायर दुकान है। 16 नवंबर की शाम को वह दुकान में था। घर से फोन आया तो शाम करीब 5 बजे दुकान से अपने चचेरे भाईयों के साथ एक किलोमीटर दवा खरीदने दुकान गया। दुकान से उसके चचेरे भाई छोड़कर वापस आ गए। समीर दवा लेकर घर की ओर पैदल निकला।
पेट पर चाकू से वार के निशान
रास्ते में उसके करीब एक नीले रंग की चारपहिया गाड़ी आकर रुकी। इसमें ड्राइवर सहित तीन लोग सवार थे। उनके चेहरों पर नकाब था। उन्होंने समीर को पकड़ा और गाड़ी में बिठा लिया। चेहरे पर स्प्रे छिड़का फिर उसे कुछ पता नहीं। बुधवार 17 नवंबर की शाम करीब 5 बजे उसे होश आया तो खुद को जंगल में पाया। पेट पर चाकू से वार के निशान थे। जेब से 3 हजार रुपए गायब थे। मोबाइल जेब पर ही था पर बैटरी नहीं होने से स्विच ऑफ हो गया था। वह किसी तरह जंगल से बाहर निकला और एक दुकान में मोबाइल चार्ज कर अपने संबलपुर में रहने वाला मामा निशांत को फाेन कर घटना की जानकारी दी।
टायर दुकान चलाने वाले कलीम खान
मामा ने रायगढ़ के एक परिचित को जानकारी दी। रायगढ़ वाले ने बिलासपुर के तिफरा के टायर दुकान चलाने वाले कलीम खान को फाेन किया। कलीम खान ने समीर को कॉल उसका लोकेशन पूछा। समीर पटरी के आसपास था। वह पटरी के किनारे चलते-चलते किसी तरह तोरवा हेमूनगर पहुंचा और लोगों से पूछकर कलीम खान को अपना लोकेशन बताया। कलीम वहां से युवक को लेकर सिम्स पहुंचे। कलीम के अनुसार समीर के गायब होने के बाद उसके घरवालों ने मुजफ्फरपुर के थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
अपहरण के कारणों का पता नहीं,किसी से दुश्मनी भी नहीं
समीर से दैनिक भास्कर से बताया कि उसकी किसी से दुश्मनी नहीं है। अपहरण करने वाले स्थानीय भाषा में बातचीत कर रहे थे। उसे चाकू क्यों मारा यह भी पता नहीं है। जेब से 3 हजार रुपए गायब है। इसके कारण लूटपाट करना कारण हो सकता है। बिलासपुर पुलिस को घटना की सूचना नहीं मिली थी।
सिम्स में भर्ती करने में आनकानी, एमएस के फोन पर शुरू हुआ इलाज
समीर को कलीम खान सिम्स लेकर पहुंचा और चौकी में सूचना दी। चौकी ने लिखा-पढ़ी कर समीर को केजुअल्टी जाने के लिए कहा। केजुअल्टी में बैठे डॉक्टरों ने उसका इलाज नहीं किया बल्कि जिला अस्पताल ले जाने के लिए कहा। इस बात की जानकारी एमएस नीरज शेंडे को हुई तो उन्होंने केजुअल्टी में फोन कर फटकार लगाई और फिर समीर का इलाज शुरू हुआ।