छत्तीसगढ़
कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दो टूक निर्देश

रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की नियमित समीक्षा और निगरानी के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “स्वस्थ छत्तीसगढ़ से सशक्त और समृद्ध छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा”, इसलिए स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के प्रति विशेष संवेदनशीलता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि —
- सभी अस्पतालों में शत-प्रतिशत प्रसव सुनिश्चित किए जाएं।
- मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाने के लिए मैटरनल डेथ ऑडिट हर प्रकरण में अनिवार्य रूप से किया जाए।
- गर्भवती माताओं और बच्चों के टीकाकरण सत्र निर्धारित तिथि पर ही आयोजित हों और उनकी फील्ड वेरिफिकेशन द्वारा निगरानी की जाए।
- उन्होंने आगे कहा कि एनआरसी (Nutrition Rehabilitation Centre) का संचालन प्रभावी और सतत रूप से हो, ताकि कुपोषण की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सके। माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- मुख्यमंत्री ने वेलनेस सेंटरों के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (NCDs) जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के व्यापक अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
- बस्तर संभाग के जिलों में मलेरिया के हॉटस्पॉट क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “प्रदेश को मलेरिया-मुक्त बनाने की दिशा में ठोस और निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।”
उन्होंने अंत में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री वय वंदना योजना अंतर्गत सभी पात्र वृद्धजनों का पंजीयन और कार्ड निर्माण प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए, ताकि उन्हें योजना का पूरा लाभ समय पर मिल सके।