चिंगपाल में बस्तर ओलंपिक खेल महोत्सव का शुभारंभ, सांसद महेश कश्यप और विधायक विनायक गोयल रहे मुख्य अतिथि

जगदलपुर/बस्तर की धरती एक बार फिर खेल उत्सव के रंग में रंग गई है। बस्तर ओलंपिक खेल महोत्सव के ब्लॉक स्तरीय आयोजन का शुभारंभ चिंगपाल में किया गया। इस अवसर पर बस्तर सांसद महेश कश्यप और चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने संयुक्त रूप से खेल महोत्सव का शुभारंभ कर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने की। शुभारंभ अवसर पर मंच पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों में जिला पंचायत उपाध्यक्ष बलदेव मंडावी, जिला पंचायत सदस्य संपति नाग, जनपद अध्यक्ष मानकदई कश्यप, उपाध्यक्ष हरिप्रसाद कश्यप, तोकापाल जनपद उपाध्यक्ष रितेशदास जोशी, मंडल अध्यक्ष देवीप्रसाद वेंजाम, मंडल महामंत्री दुर्जन सिंह कश्यप, नारायण कुरानी, पूर्व मंडल अध्यक्ष फूलसिंह सेठिया, जनपद सदस्य गागरा राम नाग, विष्णुप्रताप कश्यप, महादेव नाग, बुगेंद्र ठाकुर एवं स्थानीय सरपंच जयराम शामिल रहे।

इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक सरपंच, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ कार्यकर्ता, शिक्षक-शिक्षिकाएं, पंचायत सचिव, बीरेंद्र बहादुर (सीईओ दरभा), बेव दरभा, बीआरसी दरभा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं खेल प्रतिभागी उपस्थित रहे।
सांसद महेश कश्यप ने अपने उद्बोधन में कहा कि बस्तर ओलंपिक खेल महोत्सव केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि यह बस्तर की सांस्कृतिक पहचान और खेल भावना का उत्सव है। ग्रामीण अंचलों में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का यह मंच अब पूरे प्रदेश में मिसाल बन चुका है।
विधायक विनायक गोयल ने कहा कि बस्तर की मिट्टी में अपार प्रतिभाएं छिपी हैं। जरूरत है उन्हें पहचानने और अवसर देने की। बस्तर ओलंपिक इसी दिशा में एक सशक्त पहल है, जो आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को जन्म देगा।
जनपद अध्यक्ष मानकदई कश्यप ने कहा कि ग्रामीण खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन से युवाओं में ऊर्जा, अनुशासन और टीम भावना का विकास होता है।
उद्घाटन अवसर पर खिलाड़ियों द्वारा परेड और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिससे पूरा वातावरण उत्साह और उमंग से भर उठा। खेल मैदान में वॉलीबॉल, कबड्डी, दौड़, लंबी कूद सहित कई पारंपरिक खेलों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन स्थानीय शिक्षकों द्वारा किया गया तथा आयोजन समिति की ओर से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम का समापन शुभकामनाओं और उत्साहपूर्ण माहौल के साथ हुआ। बस्तर ओलंपिक खेल महोत्सव के इस आयोजन ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि ग्रामीण अंचल की खेल प्रतिभाएं ही बस्तर की असली ताकत हैं।



