बस्तर को मिली बड़ी सौगात : 200 करोड़ की लागत से बनेगा 240 बिस्तरों का हाई-टेक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

रायपुर | छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल तेलंगाना के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अंतर्गत किया गया।
इस अवसर पर वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, आयुक्त स्वास्थ्य डॉ. प्रियंका शुक्ला, एनएमडीसी के अधिकारी जयदीप दास गुप्ता एवं श्रीनिवास राव तथा कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल हैदराबाद के अध्यक्ष डॉ. गुरुनाथ रेड्डी, डॉ. रघुनाथ रेड्डी और के.वी. रेड्डी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि आदिवासी अंचलों सहित हर नागरिक तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा पहुँचे। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र लंबे समय से उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं से वंचित रहा है, लेकिन अब यह अस्पताल वहाँ के लोगों के लिए जीवनदायी वरदान साबित होगा। उन्होंने विशेष रूप से नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब उन्हें गंभीर स्थिति में रायपुर नहीं लाना पड़ेगा, बल्कि जगदलपुर में ही अत्याधुनिक इलाज उपलब्ध होगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यह अस्पताल राज्य और बस्तरवासियों के लिए गर्व की उपलब्धि है। पहले ऐसी सेवाएँ केवल रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों में मिलती थीं, लेकिन अब बस्तर के लोग भी सरकारी दर पर सुपर स्पेशियलिटी इलाज का लाभ उठा सकेंगे।
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने जानकारी दी कि इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण पर 200 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसमें से 120 करोड़ केंद्र सरकार और 80 करोड़ राज्य सरकार ने वहन किए हैं। इसके अतिरिक्त एनएमडीसी का भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
यह 11 एकड़ में फैला 10 मंजिला, 240 बिस्तरों वाला हाई-टेक अस्पताल होगा। इसमें हृदय रोग (कार्डियोलॉजी), किडनी रोग (नेफ्रोलॉजी), न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे विभाग संचालित होंगे। साथ ही ओपीडी, आईसीयू, आपातकालीन सेवाएँ और गहन चिकित्सा की आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
सरकारी दर पर उपलब्ध यह सेवाएँ न केवल बस्तर संभाग बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को उपचार का नया विकल्प देंगी। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल प्रबंधन ने इस पहल को प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर बताया।