धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार ननों को एनआईए कोर्ट से जमानत

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार दो ननों को बिलासपुर स्थित एनआईए स्पेशल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें 50–50 हजार रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दे दी है। दोनों पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के गंभीर आरोप लगे थे।
लोअर और सेशन कोर्ट से खारिज हुई थी जमानत याचिका
ननों की जमानत याचिका पहले लोअर कोर्ट में लगाई गई थी, लेकिन वहां से इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद दुर्ग सेशन कोर्ट में याचिका लगाई गई, लेकिन कोर्ट ने इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। अंततः बिलासपुर एनआईए कोर्ट में मामला पहुंचा, जहां 1 अगस्त को सुनवाई हुई और 2 अगस्त को फैसला सुनाया गया।
तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था
दुर्ग रेलवे स्टेशन से 55 वर्षीय प्रीति मैरी (निवासी डिंडोरी, म.प्र.), 53 वर्षीय वंदना फ्रांसिस (निवासी आगरा, उप्र) और 19 वर्षीय सुखमन मंडावी (निवासी नारायणपुर) को गिरफ्तार किया गया था। इन पर आरोप था कि वे तीन युवतियों को धर्मांतरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के उद्देश्य से दूसरे राज्य ले जा रही थीं।
बजरंग दल की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ननों को युवतियों के साथ पकड़ा और पुलिस को सौंपा था। इसके बाद मानव तस्करी और धर्मांतरण की धाराओं में मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।