स्वस्थ त्वचा के लिए आयुर्वेद: झाइयों को दूर करें और विटामिन की कमी करें पूरी

DarkSpots : चेहरे पर झाइयां सिर्फ सुंदरता की समस्या नहीं हैं, बल्कि ये अक्सर शरीर में विटामिन और पोषक तत्वों की कमी का संकेत भी देती हैं। खासकर महिलाओं में यह समस्या आम है। लोग महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट का सहारा लेते हैं, लेकिन अक्सर इसका असर कम दिखाई देता है। वास्तव में झाइयां सिर्फ काले धब्बे या लकीरें नहीं हैं, बल्कि शरीर में अशुद्ध रक्त और पोषक तत्वों की कमी का संकेत हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, चेहरे की झाइयां पित्त दोष के असंतुलन से जुड़ी होती हैं। धूप के ज्यादा संपर्क में आने से यह समस्या बढ़ सकती है और मेलास्मा जैसी त्वचा की समस्या का खतरा भी बढ़ जाता है। इसे कम करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय और सही आहार बेहद जरूरी हैं।
विज्ञान के अनुसार, शरीर में विटामिन C, D, B12 और फोलिक एसिड की कमी झाइयों का प्रमुख कारण हो सकती है। इन विटामिन्स की संतुलित मात्रा से त्वचा में निखार और झाइयों में कमी लाना संभव है।
आयुर्वेदिक घरेलू उपाय:
- हल्दी और एलोवेरा पैक: कच्ची हल्दी को पीसकर उसमें ताजा एलोवेरा जेल मिलाएं और चेहरे पर लगाएं। सूख जाने पर गुनगुने पानी से धो लें। हफ्ते में 2 बार इसका इस्तेमाल करें। हल्दी धब्बों को हल्का करेगी और एलोवेरा त्वचा को नमी देगा।
- फेस ऑयल मसाज: जैतून या बादाम के तेल में थोड़ी ग्लिसरीन मिलाकर हल्के हाथ से चेहरे की सर्कुलर मसाज करें। ड्राई स्किन वाले हफ्ते में दो बार और ऑयली स्किन वाले हफ्ते में एक बार करें। इससे रक्त संचार बढ़ेगा और त्वचा में प्राकृतिक ग्लो आएगा।
- गुलाबजल और कच्चा दूध: इनका पेस्ट चेहरे पर लगाने से झाइयां कम होती हैं। दूध रोम छिद्रों में जमी गंदगी हटाता है और गुलाबजल त्वचा को ताजगी देता है।
आहार में बदलाव:
- सुबह खाली पेट आंवला, गिलोय और अनार का जूस पीना रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां और फोलिक एसिड युक्त सूप जैसे पालक, चुकंदर, गाजर, टमाटर और सहजन के सूप को आहार में शामिल करें।
- विटामिन्स C, D और B12 से भरपूर आहार झाइयों को कम करने और त्वचा में चमक लाने में मदद करता है।



