Axiom-4 मिशन: 41 साल बाद भारत का अंतरिक्ष में स्वर्णिम क्षण, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर अंतरिक्ष यात्रा में गौरवपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गए। वे भारत के दूसरे ऐसे नागरिक हैं जिन्होंने अंतरिक्ष की दहलीज़ पार की है, इससे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन में हिस्सा लिया था।
अंतरिक्ष में एक नया अध्याय
Axiom-4 मिशन का सफल प्रक्षेपण 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से किया गया। इस मिशन में चार देशों के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं, और इसका नेतृत्व अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं। शुभांशु शुक्ला को पायलट की भूमिका दी गई है, जो इस मिशन में भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी को दर्शाता है।
बहुराष्ट्रीय वैज्ञानिक साझेदारी
Axiom-4 एक निजी मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करना है। इन प्रयोगों में जैवविज्ञान, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण भौतिकी, और अंतरिक्ष चिकित्सा से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं।
मिशन में भारत, पोलैंड, हंगरी, अमेरिका, ब्राजील, सऊदी अरब, नाइजीरिया, UAE सहित कुल 31 देशों के वैज्ञानिक अध्ययन शामिल हैं, जो वैश्विक सहयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
Ax-4 is go for launch! pic.twitter.com/mnGATK01gf
— SpaceX (@SpaceX) June 25, 2025
उड़ान से अंतरिक्ष तक
स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार मिशन दल अगले 28 घंटे में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ जाएगा। लॉन्च से पहले सभी सूट और संचार प्रणाली की जांच सफलतापूर्वक की गई।
मिशन के क्रू में शुभांशु शुक्ला (भारत) पायलट, पैगी व्हिटसन (अमेरिका) कमांडर, स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) मिशन विशेषज्ञ, टिबोर कपु (हंगरी) मिशन विशेषज्ञ शामिल हैं।
भारत के लिए गर्व का क्षण
शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष में जाने से भारत एक बार फिर वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर उभरा है। उनके परिवार ने इस अवसर को भावुक और गौरवपूर्ण बताया। बहन निधि मिश्रा ने मीडिया से कहा, यह सिर्फ हमारे लिए नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है। मेरा भाई हमेशा कहता है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।