बस्तर ओलंपिक-2025 के समापन समारोह में बोले अमित शाह, 31 मार्च 2026 तक देश होगा नक्सलमुक्त

बस्तर | केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक-2025 के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और खिलाड़ी उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने संकल्प लिया है कि 31 मार्च 2026 से पहले पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त किया जाएगा और आज बस्तर ओलंपिक के मंच से यह लक्ष्य काफी नजदीक दिखाई दे रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि नवंबर-दिसंबर 2026 तक बस्तर और पूरा छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त हो जाएगा और बस्तर विकास के नए दौर में प्रवेश करेगा।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बस्तर को नक्सलमुक्त करने के साथ-साथ दिसंबर 2030 तक कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सात जिलों वाले बस्तर संभाग को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर के हर परिवार को आवास, बिजली, शौचालय, नल से जल, गैस सिलेंडर, 5 किलो मुफ्त अनाज और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराना सरकार का संकल्प है।
अमित शाह ने बताया कि बस्तर के हर गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा, 5 किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधाएं होंगी और मजबूत पीएचसी-सीएचसी नेटवर्क विकसित किया जाएगा। वन उपज की प्रोसेसिंग के लिए सहकारी आधार पर यूनिट्स, डेयरी विकास, नए उद्योग, उच्च शिक्षा संस्थान, अत्याधुनिक अस्पताल और देश का सर्वश्रेष्ठ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बस्तर में स्थापित किए जाएंगे। कुपोषण दूर करने के लिए विशेष योजनाएं भी चलाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले और नक्सल हिंसा में घायल लोगों के लिए आकर्षक पुनर्वसन नीति लाई जाएगी। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद विकास में सबसे बड़ी बाधा है और इसके समाप्त होते ही बस्तर में शांति और समृद्धि का नया अध्याय शुरू होगा।
गृह मंत्री ने बताया कि बस्तर ओलंपिक-2025 में सात जिलों की सात टीमों के साथ आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों की एक टीम ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि 700 से अधिक सरेंडर्ड नक्सलियों का खेल के मैदान में उतरना पूरे देश के लिए एक बड़ा संदेश है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर हथियार डालें और पुनर्वसन नीति का लाभ उठाएं।
अमित शाह ने बस्तर की समृद्ध आदिवासी संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि यहां की कला, नृत्य, वाद्य, परंपराएं और खेल पूरे भारत की धरोहर हैं। उन्होंने बताया कि पारंपरिक गीतों के संरक्षण के लिए रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाए गए हैं और बंद होते जा रहे उत्सवों को फिर से जीवित किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 3 लाख 91 हजार खिलाड़ियों ने बस्तर ओलंपिक में भाग लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग ढाई गुना है, वहीं महिला सहभागिता में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। इस उत्साह को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ को चुना है।
समापन में अमित शाह ने कहा कि बस्तर अब भय नहीं, भविष्य का प्रतीक बन रहा है। जहां कभी गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, वहां आज स्कूलों की घंटियां बज रही हैं। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर विकसित, शांत और समृद्ध बस्तर के निर्माण के लिए कृतसंकल्पित हैं।



