मार्च 2026 के बाद माँ दंतेश्वरी की भूमि पर नक्सलवाद के नाम पर एक भी बूँद खून नहीं बहेगा: गृह मंत्री

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New Delhi: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और शहीद जवानों के परिजनों व नक्सली हिंसा के शिकार लोगों के परिवारजनों के साथ मुलाकात की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री उपस्थित थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाया गया ये स्मारक लंबी और वीरतापूर्ण लड़ाई में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को सम्मान और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरमा देने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि यहां सभी 1399 शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। अमित शाह ने कहा कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले साल अपने गठन के समय जल्द से जल्द नक्सलवाद को समूल समाप्त करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि अब किसी को नक्सलवाद के कारण अपना परिजन न गंवाना पड़े इसके लिए इस समस्या को पूरी तरह समाप्त करना है और इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार 3 मोर्चों पर दृढ़ता से काम कर रही है। गृह मंत्री ने कहा कि जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका समाज की मुख्यधारा में स्वागत है, जो हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ते, उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास और जो किसी की जान लेने पर आमादा हैं, उन्हें सज़ा दी जाएगी। श्री शाह ने कहा कि एक साल के अंदर छत्तीसगढ़ में 287 नक्सलियों को मारा गया, लगभग 1000 नक्सली गिरफ्तार हुए और 837 ने आत्मसमर्पण किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल में सबसे ज्यादा नक्सलवाद के क्षेत्र में कमी, नक्सली न्यूट्रलाइज़्ड, आत्मसमर्पण और गिरफ्तार हुए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एक साल में बहुत अच्छी और सटीक रणनीति के साथ काम किया है। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस के सभी बलों ने मिलकर तय दिशा और रणनीति के तहत एक मज़बूत अभियान शुरू किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 के बाद माँ दंतेश्वरी की भूमि पर नक्सलवाद के नाम पर एक भी बूँद खून नहीं बहेगा।

अमित शाह कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की विकास योजनाओं को प्रधानमंत्री मोदी जी का मज़बूत समर्थन और सहयोग प्राप्त है। प्रधानमंत्री ने नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए 15 हज़ार आवास स्वीकृत किए हैं और हर गांव में सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत सैचुरेशन और उनमें नक्सलवाद के कारण पीड़ित परिवारों को प्राथमिकता देने का काम भी किया जा रहा है।