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ज्योतिष: सनातन धर्म में ग्रहण काल को अशुभ माना गया है इस दौरान किसी भी प्रकार का शुभ कार्य करना वर्जित होता है क्योंकि ग्रहण काल के समय को भगवान पर संकट माना जाता है।जिसका प्रभाव आम जन जीवन पर भी देखने को मिलता है।इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार को लग रहा है इसी दिन सर्व पितृ अमावस्या भी मनाई जाएगी। जो कि पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिन्हें सूर्य ग्रहण के दौरान करने से विशेष लाभ मिलता है और कष्ट दूर हो जाते हैं तो आइए जानते हैं।सूर्य ग्रहण का सही समय-ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर दिन शनिवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट से लगेगा। जो कि मध्य रात्रि में 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। यह ग्रहण कंकणाकृती ग्रहण होगा। पंचांग के अनुसार अश्विन माह की अमावस्या तिथि पर साल का दूसरा सूर्य ग्रहण लग रहा है।ग्रहण काल में करें ये उपाय-सूर्य ग्रहण लगने से पहले स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें इसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष बैठकर प्रभु की विधि विधान से पूजा करें। प्रभु की प्रतिमा के समक्ष घी का एक दीपक जलाकर भगवान को सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें इसके बाद शिव पूजन के अंत में शिव तांडव स्तोत्र का सच्चे मन से पाठ करें अंत में भगवान से कृपा प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख समृद्धि आती है।