छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी आंदोलन: सर्व आदिवासी समाज का प्रदेशव्यापी बंद राजनादगांव जिले में बंद तो कई जगह झड़प

कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र अंतर्गत बड़े तेवड़ा गांव में हालिया विवाद ने पूरे प्रदेश में तनाव पैदा कर दिया है। यह विवाद एक धर्मांतरित व्यक्ति के शव को गांव में दफनाने को लेकर शुरू हुआ, जिसे आदिवासी समाज ने अपनी परंपराओं और आस्था का अपमान माना।
गांव के सरपंच के परिवार द्वारा शव दफनाने के बाद आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध के दौरान भीम आर्मी और कुछ अन्य समूहों के लोगों द्वारा कथित रूप से आदिवासी समाज पर हमला किया गया था , जिसमें मारपीट की घटनाएं हुईं।थी इस घटना में पुलिस कर्मी भी घायल हुए और क्षेत्र में धारा 144 लागू करनी पड़ी।
सर्व हिन्दू समाज का आरोप है कि राज्य में लंबे समय से आदिवासियों को लालच देकर या दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जो उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं पर हमला है। आमाबेड़ा की यह घटना कोई अकेली नहीं है, बल्कि धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं का हिस्सा है। सर्व आदिवासी समाज और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इसे पांचवीं अनुसूची का उल्लंघन बताया और प्रशासन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
इसी क्रम में सर्व आदिवासी समाज ने आज पूरे छत्तीसगढ़ में प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान किया है। बंद का उद्देश्य धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू करने, दोषियों पर कार्रवाई और जनजातीय आस्था की रक्षा की मांग करना है। इस बंद को व्यापक समर्थन मिल रहा है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (CCCI), कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) सहित कई व्यापारिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इसका पूर्ण समर्थन है
सर्व समाज ने पांच सूत्रीय मांगें रखी हैं, जिनमें धर्म स्वातंत्र्य विधेयक की सख्ती, जांच और दोषियों पर कार्रवाई शामिल है।



